विवादों में फंसे 200 करोड़; प्रभावी वसूली को लेकर मनपा उदासीन पिंपरी : समाचार ऑनलाईन – चुंगी बन्द होने के बाद आय के सबसे बड़े स्त्रोत के तौर पर जिसे देखा जाता है, उस संपत्ति कर यानी प्रॉपर्टी टैक्स की प्रभावी वसूली को लेकर पिंपरी चिंचवड मनपा प्रशासन की उदासीनता कायम है। इस टैक्स के तौर पर कुल 1139.77 करोड़ रुपये बकाया रहने की जानकारी सामने आई है। इसमें सरकारी, अर्ध सरकारी और निजी संस्थानों का प्रमाण सर्वाधिक है। इसके अलावा 200 करोड़ से ज्यादा का टैक्स विवादों में है। इस विवादित राशि को छोड़ अन्य बकाया वसूलना भी प्रशासन के लिए मुमकिन नहीं हो पा रहा है। चुंगी टैक्स रद्द होने के बाद मनपा की पूरी आर्थिक दारोमदार प्रॉपर्टी और वाटर टैक्स पर है। जहां आम करदाता समय पर टैक्स चुकाने को प्राथमिकता देते हैं। वहीं बिल्डर, उद्योगपति, सरकारी व अर्ध सरकारी संस्थान और राजनीतिक आशिर्वाद प्राप्त करदाताओं के पास करोड़ों का टैक्स बकाया है। इनका प्रमाण 20 फीसदी से भी ज्यादा है। इनसे बकाया वसूलने और कार्रवाई करने की हिम्मत प्रशासन कभी नहीं जुटा पाया। 31 मार्च से पूर्व टैक्स वसूली का निर्धारित लक्ष्य साधने के लिए मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर ने वसूली में कोताही बरतने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। हालांकि इससे वरिष्ठ अधिकारियों को दूर रखे जाने से कर्मचारियों में नाराजगी व्याप्त है। प्रॉपर्टी टैक्स की प्रभावी वसूली के मनपा ने सर्वाधिक बकाया रहे 100 बकायेदारों की लिस्ट तैयार की है। इसमें बड़े बिल्डर, डेवलपर, बड़ी हाउसिंग सोसायटी भी शामिल है। इसमें से कई बकायेदारों ने तो 1997 से कोई टैक्स नहीं चुकाया है। कुल 1139.77 करोड़ के बकाए में आधे से ज्यादा तकरीबन 600 करोड़ रुपए का हिस्सा शास्तिकर का है। इसे माफ कराने का भरोसा दिलाकर राजनेताओं द्वारा शास्तिकर न चुकाने की अपील की जाती रही। अन्य 300 करोड़ रुपए का बकाया कानूनी विवादों में है। हालांकि अब मनपा ने बकाया वसूली को गंभीरता से लिया है। 405 करदाताओं को नोटिस जारी की गई है। निर्धारित वसूली पूरी न करनेवाले कर्मचारियों को भी नोटिस जारी की जा रही है। इसका विपक्ष के नेता दत्ता साने और मनपा कर्मचारी महासंघ ने पुरजोर विरोध किया है। उन्होंने केवल क्लास 3 के कर्मचारियों को दोषी मानना उन्हें नोटिस देना और वेतनवृद्धि रद्द करने के फैसला गलत है। ——————— बकायेदारों की लिस्ट एक लाख से ज्यादा के टैक्स बकाया वाले करदाता 22, 187 कुल बकाया 468.89 करोड़ रुपए 5 से 10 लाख रुपए टैक्स बकायेदारों की संख्या 2084 और कुल बकाया 140.21 करोड़ रुपए 10 लाख से ज्यादा बकायेदारों की संख्या 25, कुल बकाया 352.76 करोड़ एक करोड़ से ज्यादा 25 बकायेदारों के पास 178.89 करोड़ रुपए कुल बकायेदार 25,263 कुल बकाया 1139 करोड़ 77 लाख 20 हजार रुपए —————– टॉप 10 बकायेदार 1) टाटा मोटर्स लिमिटेड, (पिंपरी) : 59,10,11,612 2) पिंपरी चिंचवडनवनगर विकास प्राधिकरण : 15,52,69,225 3) टाटा मोटर्स, पैसेंजर युनिट : 14,53,14,896 4) टाटा मोटर्स, (चिंचवड) : 13,33,81,614 5) हिंदुस्तान अॅन्टीबायोटिक्स : 11,30,80,571 6) सीआयआरटी (कासारवाडी) : 8,86,92,728 7) हिंदुस्तान अॅन्टीबायोटिक्स: 7,83,54,175 8) एमआयडीसी विद्युत अभियंता: 7,25,72,527 9) डायनामिक लॉजिस्टीक प्रा.लि. (दिघी) : 3,44,55,726 10) एमआयडीसी : 3,30,71,453 ————————————— |