Private Schools Fees | प्राइवेट स्कूलों की फीस में 15% की कटौती, ठाकरे सरकार का निर्णय ; संस्थाचालक कोर्ट जाएंगे 

मुंबई (Mumbai News), 29 जुलाई : सभी प्रकार के पाठ्यक्रम वाले प्राइवेट स्कूलों के स्कूल फीस (Private Schools Fees) में 15% की कटौती करने का निर्णय राज्य मंत्रिमंडल (State Cabinet) ने बुधवार को हुई बैठक में लिया।  लेकिन जिन्होंने पहले ही फीस (Private Schools Fees) जमा करा दी है उन्हें 15% रकम वापस मिलेगी क्या ? इसे लेकर भ्रम बना हुआ है।

 

स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ (Varsha Gaikwad) ने मंत्रिमंडल की बैठक (Cabinet Meeting) के बाद पत्रकारों को बताया कि स्कूली फीस में कटौती करने के संबंध में निर्णय राज्य सरकार (State government) से लेने का आदेश सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राजस्थान के मामले में दिया था।  राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने स्कूली फीस में 15% कटौती करने का निर्णय पहले ही लिया है। इसी की तर्ज पर महाराष्ट्र (Maharashtra) में भी बुधवार को यह निर्णय लिया गया। राज्य बोर्ड (state Board) के साथ सभी बोर्ड के स्कूलों पर यह निर्णय लागू होगा।  जो स्कूल 15% फीस में कटौती नहीं करेगी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार के इस निर्णय की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी जाएगी।
कुछ स्कूलों ने इससे पहले ही फीस में भारी बढ़ोतरी की है। इस तरफ ध्यान दिलाये जाने पर उन्होंने कहा कि फीस बढ़ोतरी (fee hike) नहीं करने का आदेश पिछले वर्ष ही दिया गया था। इस आदेश का उल्लंघन किसी स्कूल ने किया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।  कोरोना लॉकडाउन की वजह से लाखों अभिभावकों की बुरी आर्थिक स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। जिन अभिभावकों ने पहले ही अपने बच्चों की पूरी फीस (Schools Fees ) जमा करा दी है उन्हें 15% रकम वापस की जाएगी क्या ? पत्रकार के इस सवाल पर गायकवाड़ ने कहा कि इस संबंध में अगले चार-पांच दिनों में साफ आदेश जारी किया जाएगा।  उन्होंने यह पक्का तौर पर नहीं कहा कि 15% रकम वापस की जाएगी या नहीं।  ऐसे में सरकार क्या अध्यादेश जारी करेगी, पहले फीस जमा करा चुके लोगों को 15% फीस वापस की जाएगी क्या इसे लेकर भ्रम बना हुआ है।

न अभिभावक खुश न संस्थाचालक

स्कूल के फीस में 15% कमी करने के मंत्रिमंडल के निर्णय पर शिक्षा संस्थाचालकों (director of education) ने तीव्र नाराजगी व्यक्त की है।  साथ ही अभिभावकों के संगठन ने भी इसका विरोध किया है।  ऐसे में इस फैसले से न अभिभावक खुश है और न शिक्षा संस्थाचालक।

यह निर्णय आंखो में धूल फेंकने जैसा

संस्थाचालक पहले ही 25 से 40% तक फीस में बढ़ोतरी कर चुके है।  ऐसे में सरकार 15% फीस कटौती (fee deduction) का लॉलीपॉप दे रही है।  स्कूलों का ऑडिट कर उनकी आर्थिक स्थिति के अनुसार फीस कटौती निश्चित की जाए।

 

– अनुभा सहाय,

इंडिया वाईस पेरेंट्स एसोसिएशन
स्कूल संस्था चालक अभिभावकों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए पहले ही  25% स्कूल फीस में कटौती कर चुकी  है।

 

इस पर अब सरकार ने 15% की कटौती लाद दी है।  यह हमें मंजूर नहीं है।  इस फैसले के खिलाफ हम कोर्ट जाएंगे।

 

– संजयराव तायड़े पाटिल, राज्य अध्यक्ष मेस्टा

 

 

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