प्रधानमंत्री मोदी खुद अपने शब्दों से पलटे : यू टर्न से कोरोना का संकट और बढ़ने का खतरा

नई दिल्ली, 21 मई : देश में कोरोना मरीजों की संख्या पिछले कई दिनों से कम हो रहा है। लेकिन कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। इस बीच केंद्र सरकार ने कोरोना टेस्ट पर अब बड़ा यू टर्न लिया है। कोरोना टेस्ट में आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या 70 प्रतिशत से घटाकर 40 प्रतिशत लाने की तयारी केंद्र सरकार ने शुरू की है।

आरटीपीसीआर टेस्ट सबसे अधिक भरोसेमंद माना जाता है। लेकिन अब सरकार ने कुल टेस्ट में इसकी संख्या कम करना तय किया है।

कोरोना का पता लगाने के लिए की जाने वाली कुल टेस्ट में आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या 70 प्रतिशत होनी चाहिए। यह खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था। लेकिन अब आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या 40 प्रतिशत तक लाकर एंटीजन टेस्ट की संख्या 60 प्रतिशत पर लाने की तैयारी सरकार ने शुरू की है। जून के आखिर तक प्रतिदिन टेस्ट की संख्या 45 लाख करने के लिए सरकार प्रयासरत है।

कुल टेस्ट में आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या 70 प्रतिशत करने की सलाह खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो महीने पहले दी थी. उन्होंने कहा था कि पॉजिटिव मरीजों की संख्या ज्यादा आ रही है तो आने दे। आप पर कोई दबाव नहीं है। अब सरकार ने आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या कम की है। पिछले सप्ताह हर दिन 16 लाख आरटीपीसीआर टेस्ट किया जा रहा था। अब यह क्षमता कम हो गई है। हर दिन 12 से 13 लाख तक पहुंच गई है। खास बात यह है कि यह आंकड़ा सरकार ने जारी किया है।

जून आखिर तक आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या 18 लाख तक ले जाने का लक्ष्य सरकार ने बनाया है। लेकिन उस वक़्त कुल टेस्ट की संख्या 45 लाख होगी। इसका अर्थ हुआ कि कुल टेस्ट में आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या केवल 40 प्रतिशत होगी।
आरटीपीसीआर के गोल्ड स्टैंडर्ड टेस्ट के बजाय स्टैंडर्ड टेस्ट करने पर सरकार का ध्यान है। बुधवार को हेल्थ मिनिस्ट्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. अप्रैल-मई महीने में कोरोना की दूसरी लहार के दौरान आरटीपीसीआर और एंटीजन टेस्ट की संख्या 50-50 प्रतिशत होने की जानकारी उस वक़्त दी गई थी