कर्नाटक यातायात नियम तोड़ने वालों पर भारी जुर्माने को कम करने की तैयारी में

बेंगलुरू (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन – जनदबाव के आगे झुकते हुए और पार्टी के प्रदेश इकाई की मांग पर, भाजपा-शासित कर्नाटक सरकार हालिया संशोधित मोटर वाहन अधिनियम(एमवीए),2019 के अंतर्गत यातायात नियम तोड़ने वालों पर लगने वाली भारी जुर्माने को कम करने की तैयारी में है।

एक अधिकारी ने यहां आईएएनएस से कहा, “मुख्यमंत्री बी.एस. युदियुरप्पा ने यातायात विभाग अपने पास रखने वाले उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी को केंद्र सरकार के 1 सितंबर की अधिसूचना का अध्ययन करने और गुजरात व अन्य भाजपा शासित राज्यों ने जैसा किया है या फिर करने वाले हैं कि तर्ज पर यातायात नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जुर्माने को कम करने का आदेश दिया।”

एमवीए के संशोधित प्रावधान का पालन करते हुए, राज्य सरकार ने 3 सितंबर को यातायात नियम तोड़ने वालों के खिलाफ भारी जुर्माने के नियम को अधिसूचित किया था और 4 सितंबर से पूरे राज्य में नियम तोड़ने वालों के खिलाफ जुर्माना लगाना शुरू कर दिया था।

गुजरात की ओर से जुर्माने की राशि में 50 फीसदी कटौती करने के एक दिन बाद येदियुरप्पा ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा, “भारी जुर्माने के खिलाफ लोगों में गुस्सा है और जुर्माने की राशि को कम करने की मांग है, मैंने यातायात विभाग को उपयुक्त रुप से इसे कम करने के लिए कहा है, क्योंकि लोग दबाव महसूस कर रहे हैं और इससे राहत चाहते हैं।”

राज्य यातायात आयुक्त के. शिवकुमार ने आईएएनएस से कहा, “जुर्माने को घटाने के लिए कोई निर्णय नहीं किया गया है। क्योंकि यह वित्तीय प्रभाव के साथ लाई गई नीति है, कैबिनेट को जुर्माने की राशि कम करने के बारे में और इसे कब से लागू करना है के बारे में निर्णय लेना है।”

यातायात विभाग से एक अधिकारिक टीम 10 सितंबर को गुजरात सरकार के संशोधित आदेश पर अध्ययन करने अहमदाबाद और एक अन्य टीम केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की ओर से संशोधित एमवीए के प्रावधानों पर स्पष्टीकरण के लिए नई दिल्ली गई थी।

शिवकुमार ने कहा, “संशोधित आदेश कैबिनेट या मुख्यमंत्री की अनुशंसा से अधिसूचित किए जाएंगे। तबतक पुलिस 4 सितंबर के आदेश के अनुसार जुर्माने की राशि वसूलती रहेगी।”

मुख्यमंत्री के निर्णय का समर्थन करते हुए, केंद्रीय रसायन और उवर्रक मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा ने कहा कि संशोधित एमवीए में जुर्माने को कम करने का प्रावधान था और संशोधित अधिनियम में संशोधित दंड अधिकतम है जिसे विभिन्न अपराधों के लिए लागू किया जा सकता है।

गौड़ा ने यहां गुरुवार को पत्रकारों को कहा, “चूंकी एमवीए समवर्ती सूची में आता है, इसलिए राज्यों के पास इस संशोधन में दंड की अधिकतम अनुशंसा में परिवर्तन करने का विकल्प मौजूद है। अधिनियम में संशोधन सुरक्षित वाहन चलाने के लिए जागरुकता फैलाने और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए लाया गया है।”

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि पूरे शहर में फील्ड अधिकारियों ने नियम तोड़ने वालों से बीते नौ दिनों में 2,38,76,500 रुपये एकत्रित किए हैं और गुरुवार तक यातायात नियम उल्लंघन के 84,000 मामले दर्ज किए गए हैं।

अधिकारी ने कहा, “बाइक चलाने वाले और इसके पीछे बैठने वाले सबसे ज्यादा नियम तोड़ने वालों में शामिल हैं क्योंकि वे अनिवार्य हेलमेट नहीं पहनते हैं, वाहन तेज चलाते हैं। कई के खिलाफ बाइक चलाने के दौरान मोबाइल पर बातचीत करने के लिए मामला दर्ज किया गया है।”

कार वाहन चालकों में, कई बिना सीट बेल्ट बांधे कार चलाते हैं, ट्रेफिक सिग्नल्स को जंप करते हैं और सीमा से परे जाकर शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं, जिससे न सिर्फ वे अपनी जिंदगी को खतरे में डालते हैं बल्कि सड़क पर मौजूद और लोगों की जिंदगी भी खतरे में पड़ जाती है।

बेंगलुरू में कुल 82 लाख वाहन हैं, जिसमें 57 लाख दो-पहिया वाहन और 25 लाख चार-पहिया वाहन हैं। इसके चलते वाहनों की संख्या और घनत्व के मामले में यह शहर नई दिल्ली व मुंबई के बाद तीसरे स्थान पर है।

1.1 करोड़ की जनसंख्या के साथ, बेंगलुरू के पास राज्य के कुल वाहन का 80 प्रतिशत वाहन है, जिसमें वाणिज्यिक वाहन जैसे बस, ट्रेक, टैम्पू और ऑटो शामिल हैं।

सार्वजनिक परिवहन विशेषज्ञ के.एन. श्रीहरि ने आईएएनएस से कहा, “भारी जुर्माने को लागू करने का उद्देश्य सराहनीय है, ताकि लोग कानून का पालन करे और सजा से डरे, क्योंकि किसी भी कीमत पर लोगों की सुरक्षा और जिंदगी से समझौता नहीं होना चाहिए।”

नागरिकों, वाहन प्रयोगकर्ताओं, जुर्माने की राशि अदा करने वालों और अन्य साझेदारों की ओर से बढ़े जुर्माने पर विरोध के बाद, पार्टी के प्रदेश नेताओं और कार्यकर्ताओं ने 9 सितंबर को मुख्यमंत्री को जुर्माने की राशि गुजरात की तर्ज पर 50 प्रतिशत तक कम करने का आग्रह किया था ताकि नागरिकों के उपर से अतिरिक्त भार को हटाया जा सके।

एमवीए में संशोधन राज्यों से चार से पांच वर्षो के बीच परामर्श और विचार-विमर्श के बाद किया गया था और सड़क दुर्घटनाओं व हताहतों में कमी करने के लिए दोनों सदनों ने इसे सर्वसम्मति से पारित किया था। भारत में खराब सड़कों, असावधानी के साथ ड्राइविंग और लापरवाही की वजह से सड़क दुर्घटना में सबसे ज्यादा लोगों(2017 में 1,47,913) की मौत होती है।

कर्नाटक में, तेजी से वाहन चलाने के लिए पहली बार पकड़े जाने पर जुर्माना 5,000 रुपया और उसके बाद 10,000 रुपया है। बिना हेलमेट के मोटरसाईकिल या स्कूटर चलाने पर जुर्माना 1,000 रुपया बिना हेलमेट पीछे बैठने वाले के लिए जुर्माना 500 रुपया है। शराब पीकर गाड़ी चलाने के लिए जुर्माना 10,000 और साइलेंट जोन में हार्न बजाने के लिए जुर्माना 1,000 रुपया है।

उसी तरह, बिना लाइसेंस वाहन चलाने का जुर्माना 5,000 रूपये है पहले यह 500 रुपये था। बीमा व आरसी के बिना वाहन चलाने पर जुर्माने की राशि 5,000 रुपये है जोकि 31 अगस्त तक 1,000 रुपये थी।

शहर पुलिस आयुक्त भास्कर रॉव ने कहा, “बेंगलुरू में यातायात दुर्घटनाओं की मुख्य वजह अपर्याप्त सड़क अनुशासन है खासकर सिग्नल को जंप करना या वाहन की आवाजाही कम होने की स्थिति में वाहन तेज चलाना है।”