जेल में प्रार्थना सभा… दुष्कर्मी आसाराम को महिमंडित करने का आरोप, जांच के आदेश 

लखनऊ. ऑनलाइन टीम : दुष्कर्म के मामले में जेल की सजा काट रहे  आसाराम की मुश्किलें अभी कम नहीं हुईं हैं। अप्रैल 2018 में शाहजहांपुर की एक लड़की के साथ 2013 में जोधपुर के निकट आश्रम में दुष्कर्म करने का दोषी ठहराया गया था। इसके बाद अगस्त 2013 से वह जेल में है। इस बीच, हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है।

दुष्कर्म पीड़िता के पिता ने मीडिया की खबरों के आधार पर आरोप लगाए हैं कि आसाराम के 2 अनुयायियों ने मंगलवार को लखनऊ से शाहजहांपुर जेल में आकर कंबल बांटे और एक प्रार्थना सभा की। इस सभा में आसाराम की तस्वीर भी लगाई गई थी। आसाराम को ‘महिमामंडित’ करने का आरोप लगाते हुए प्रार्थना की गई है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। वह एक दुष्कर्मी है, लेकिन जेल में आयोजित इस ‘सत्संग’ (प्रार्थना सभा) के जरिए आसाराम के अनुयायी दुष्कर्म के दोषी की छवि को बेहतर करने के लिए ऐसे काम कर रहे हैं।”

उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक (जेल) शरद कुलश्रेष्ठ ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।  शाहजहांपुर के जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि जेल प्रशासन को नोटिस जारी कर दिया गया है और जवाब मिलने के बाद कार्रवाई भी करेंगे। हम मीडिया की खबरों पर भी ध्यान देंगे। बता दें कि इस मामले में शाहजहांपुर जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने जेल में 75 कंबल बांटे जाने की पुष्टि कर चुके हैं। यह कंबल दुष्कर्म मामले में कथित रूप से गवाह की हत्या के आरोपी अर्जुन और नारायण पांडे ने बांटे, जो शाहजहांपुर जेल में बंद रह चुके हैं।

दूसरी तरफ, जेल अधीक्षक ने कहा कि पांडे जेल में बीमार हो गया था। बाद में जेल अस्पताल में हुए इलाज से वह ठीक हुआ और फिर जमानत पर रिहा हो गया। तब उसने जेल में कंबल बांटने का संकल्प लिया था। उसके भेजे कंबल जेल में बांटे गए लेकिन जेल के अंदर सत्संग और महिमामंडन के आरोप निराधार हैं।