प्रताप सरनाईक की मुश्किलें बढ़ी; टॉप्स ग्रुप के गड़बड़ी में फायदे का 50 % हिस्सा ? 

मुंबई, 27 नवंबर : एमएमआरडीए को सुरक्षा उपलब्ध कराने के घोटाले में 50% नफा विधायक प्रताप सरनाईक को मिलने का दावा ईडी ने कोर्ट में किया है।  अब तक दर्ज कराये गए जवाब में यह जानकारी सामने आई है। इसमें अमित चंडोले बिचोलिये की भूमिका निभाने का दावा किया गया है।  सरनाईक को पैसे सप्लाई करने का दावा भी ईडी ने किया है।  इस मामले में ईडी के अधिकारी अधिक जांच कर रहे है।

गुरुवार को अमित को कस्टडी के लिए कोर्ट में पेश किये जाने के बाद ईडी दवारा यह जानकारी कोर्ट को दिया गया।  टॉप्स ग्रुप के उपाध्यक्ष महेश अय्यर दवारा की गई शिकायत के अनुसार टॉप्स ग्रुप के अध्यक्ष, प्रमोटर रहे राहुल नंदा और अन्य 6 लोगों ने टॉप्स ग्रुप के अकाउंट में भारत की अलग अलग कंपनियों में फंड ट्रांसफर किया।  आगे इस फंड का खुद के फायदे के लिए रियल इस्टेट में निवेश करके 175 करोड़ रुपए की गड़बड़ी करने का आरोप है।

2014-15 में टॉप्स ग्रुप सर्विस एंड सॉलूशन कंपनी ने  एमएमआरडीए के विभिन्न प्रोजेक्ट में महीने में 300 से 350 सुरक्षा रक्षक उपलब्ध कराने का कॉन्ट्रैक्ट लिया।  इनमे से केवल 70% सुरक्षा रक्षक ही  उपलब्ध कराये।   जबकि पुरे काम का पैसा लिया गया।  इस पर पीएफ और ईएसआईसी का भी लाभ लिया गया।

टॉप्स ग्रुप के खाते से बड़ी रकम निकाल कर टॉप्स ग्रुप के पूर्व सीईओ नीरज बिजलानी को दिया गया।  इसमें संकेत मोरे और अमित चांडोले को एजेंट के रूप में नियुक्त किया गया था।  फ़र्ज़ी कागजात तैयार कर ये पैसे निकाले गए। मिले पैसों का 50% कमीशन  के रूप में दिया जाता था।
पूर्व पुलिस महासंचालक का भी इस्तेमाल 
अय्यर दवारा लगाए गए आरोप में नंदा पर 2016 के बाद खुद और अपने परिवार को टॉप्स ग्रुप के वेबसाइट से नाम हटा लिया और अन्य डायरेक्टर्स का नाम डाल दिया।  शेयर होल्डर्स का विश्वास जितने के लिए पूर्व पुलिस महासंचालक सतीश माथुर, आईएएस दिनेश कुमार गोयल, इंडियन ओवरसीज बैंक के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र मेरपाड़ी, रिटायर्ड जनरल कमलजीत सिंह को अलग से डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया।  नंदा के उद्देश्य को लेकर ये सारे लोग अनजान थे।