”ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग के ‘कार्यकर्ताओं’ का हाथ पकड़कर महाराष्ट्र में नहीं आएगी राजनीतिक क्रांति”
सामना ने बीजेपी को घेरते हुए लिखा है कि महाराष्ट्र का विरोधी दल पिछले एक साल से मुंह से हवा छोड़ रहा है कि महाविकास आघाड़ी सरकार को जनमत का समर्थन नहीं है और ‘ठाकरे सरकार’ जुगाड़ू अर्थात जोड़-तोड़ करके बनी हुई सरकार है। ग्राम पंचायत चुनाव के बाद उस विरोधी दल की हवा निकल गई है। राज्यभर से साढ़े ३ हजार ग्राम पंचायतों के नतीजे सामने आ रहे हैं, इसमें महाविकास आघाड़ी ने अच्छी बढ़त बनाई है।शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी द्वारा जीते गए ग्राम पंचायतों को देखते हुए कहा जा सकता है कि लोगों ने भाजपा को आईना दिखा दिया है।
लेख में लिखा गया कि भारतीय जनता पार्टी के गढ़ लोगों ने उद्ध्वस्त कर दिए हैं। विखे पाटील ने २० साल से अपने कब्जे में रखी लोणी खुर्द ग्राम पंचायत गवां दी है। रावसाहेब दानवे, चंद्रकांत पाटील, राम शिंदे और नितेश राणे आदि के घरों की ग्राम पंचायत भाजपा ने गवां दी है। रोहित पवार चौंडी गांव की ग्राम पंचायत जीतकर लाए हैं। इससे यह समझ में आता है कि भाजपा नेताओं की सत्ता जनता ने किस प्रकार उलट दी है। रावसाहेब दानवे की भोकरदन तालुका में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। महाविकास आघाड़ी की ठाकरे सरकार को लोगों ने स्वीकार किया है।
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