हैदराबाद चुनाव का सियासी पैगाम…ओवैसी के किले में भाजपा की सेंध, बड़े उलटफेर के संकेत    

हैदराबाद. ऑनलाइन टीम : हैदराबाद के चुनावी परिणामों की रुझान असद्दुदीन ओवैसी के लिए संकट बढ़ाते जा रहे हैं, तो बीजेपी उनकी किले में सेंध लगाती हुई दिख रही है। निश्चित रुप से हैदराबाद ने राष्ट्रीय स्तर पर अभूतपूर्व खलबली पैदा कर दी है। जिस दम-खम के साथ भाजपा मैदान में उतरी है, वह आश्चर्यजनक परिणाम की ओर भी है।

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा चुुनाव प्रचार के लिए आए, वहां तक तो गनीमत थी, लेकिन देश के गृहमंत्री अमित शाह भी दिन भर का रोड शो करेंगे यह तो किसी ने भी नहीं सोचा होगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी एक दूसरे राज्य के म्युनिसिपल चुनाव में प्रचार हेतु जाना भी ठीक नहीं लगता। और तो और, भारत बायोटेक में विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन का निरीक्षण करने हैदराबाद आए प्रधानमंत्री के दौरे को भी चुनाव प्रचार से जोड़ देने की भी दबी-छुपी चर्चा होने लगी।

जाहिर है कि भाजपा की निगाह हैदराबाद में अपना वर्चस्व कायम करने पर है। अब इन महारथियों के प्रयासों की नतीजा सामने आ रहा है। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनाव की 150 सीटों पर मतगणना जारी है और बीजेपी शुरुआती रुझानों में बंपर बढ़त बना चुकी है। बीजेपी 87 सीटों पर आगे है। वहीं सत्तारूढ़ टीआरएस 33 सीटों पर आगे चल रही है। हैदराबाद में दूसरे नंबर पर काबिज रही ओवैसी की पार्टी फिलहाल 17 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर है।  जीएचएमसी चुनाव में आज 1,122 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होना है।

इस बार ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में मतपत्रों का उपयोग किया गया था। वहीं कोरोना महामारी के चलते इस बार सिर्फ 35 फीसद ही मतदान हुआ। इन चुनावों में कुल 74 लाख से अधिक मतदाता हैं, जिनमें 38,89,637 पुरुष वोटर और 35,76,941 महिला वोटर शामिल हैं। गौरतलब है कि इस बार चुनाव में, सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), भारतीय जनता पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की एआइएमआइएम पार्टी चुनावी मैदान में हैं।