मनसे के स्वघोषित एनआरसी अभियान के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज

पुणे : समाचार ऑनलाइन – बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ अपना रुख स्पष्ट करने के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं द्वारा पुणे में शुरू किए विवादास्पद अभियान पर कड़ी आपत्ति जताई जा रही है। गत सप्ताह मनसे ने अवैध अप्रवासियों को ‘बाहर निकालने’ के लिए एक अभियान चलाया गया। इसमें मनसे कार्यकर्ता सभी लोगों से नागरिकता का सबूत मांगते रहे। पार्टी के इस अभियान पर आपत्ति जताते हुए घर में जबरन घुसकर प्रताड़ित करने को लेकर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
इस अभियान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए रोशन शेख (35) नामक शहरी ने पुणे पुलिस में उसके घर में कथिततौर पर जबरदस्ती घुसने और उसे प्रताड़ित करने की शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस के मुताबिक, शेख ने शिकायत की है कि, मनसे के कुछ कार्यकर्ता यहां के बालाजीनगर इलाके में उसके मकान में जबरदस्ती घुस गए और उसे बांग्लादेशी करार दिया जबकि वह पश्चिम बंगाल का रहने वाला है और पुणे में नौकरी करता है। उसने उन्हें बताया कि वह भारतीय नागरिक है, बांग्लादेशी नहीं।
इसके साथ ही शेख ने उन्हें कागजात भी दिखाए लेकिन उन्होंने उसकी बात नहीं सुनी। शेख और दो अन्य लोगों को बाद में सहकारनगर पुलिस थाने लाया गया। पुलिस ने उनके कागजात की जांच की और पाया कि उनमें से कोई भी अवैध शरणार्थी नहीं था। शेख की शिकायत पर मनसे के सात से आठ पदाधिकारियों के खिलाफ सोमवार रात प्राथमिकी दर्ज की गई। मनसे ने दावा किया है कि पुणे में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी कामगार हैं, जो अवैध रूप से रह रहे हैं। इसके चलते पार्टी ने शनिवार को अपना स्वघोषित ‘ऑपरेशन एनआरसी’ लॉन्च किया।
पुणे के धनकवड़ी इलाके में ‘अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने का आंदोलन’ शुरू किया गया। शहर की पुलिस ने मनसे कार्यकर्ताओं के साथ अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान उनके साथ रही। इस अभियान के तहत मनसे कार्यकर्ताओं ने तीन संदिग्ध अवैध प्रवासियों को पकड़ा और उन्हें पुणे पुलिस को सौंप दिया। पुलिस द्वारा उनसे पूछताछ की गई और उनके दस्तावेजों की जाँच की गई, लेकिन ऐसा कोई भी दस्तावेज नहीं मिला जिससे साबित हो कि वे अवैध प्रवासी थे। जोन 2 के पुलिस उपायुक्त शिरीष सर्देशपांडे ने कहा कि ‘मनसे द्वारा की गई इस तरह की कार्रवाई अवैध है और उन्हें कानून तोड़ने में लिप्त नहीं होना चाहिए। हां, मनसे संदिग्ध अवैध प्रवासियों की पहचान करने में पुलिस की मदद कर सकती है लेकिन पार्टी को पुलिस को अपना काम करने देना चाहिए।