PMC का विलय प्राइवेट या सरकारी बैंक में किया जाए, डिपॉजिटर्स की मांग ; हाई कोर्ट जाने की तैयारी 

 

नई दिल्ली, 21 जून : आर्थिक संकट का सामना करने वाले पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के जमाकर्ताओं ने मुंबई हाई कोर्ट में जाने की योजना बनाई है।  जमाकर्ताओं दवारा उनके पैसे जल्द से जल्द वापस करने की मांग की जा रही है।  जमाकर्ताओं का कहना है कि उनके जमा पैसे कब वापस किये जाएंगे इस संबंध में रेग्युलटर या बैंक दवारा कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया जा रहा है।

इसके साथ ही जमाकर्ताओं ने पीएमसी बैंक की कोई भी दूसरी प्राइवेट या सरकारी बैंक में विलय करने की मांग की है।  उनका मत है कि इससे बैंक का आर्थिक संकट दूर होगा।  पीएमसी बैंक के डिपॉजिटर्स एक्शन टीम के कोर्डिनेटर मंजीन सभरवाल ने जानकारी दी कि पीएमसी बैंक के डिपॉजिटर्स आरबीआई और पीएमसी बैंक के बोर्ड के खिलाफ अपील करने की तैयारी कर रहे है।

उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ दिनों में ये जमाकर्ता कोर्ट में याचिका दायर कर सकते है।  इसके लिए कुछ वकीलों के सहयोग से पिटीशन की तैयारी की जा रही है।  उन्होंने कहा कि वे रिफंड के लिए और चार पांच महीने रुकने की स्थिति में नहीं है।  इस आर्थिक संकट को शुरू हुए 20 महीने हो चुके है।  अब और इंतजार नहीं कर सकते है।

18 को आरबीआई ने सेंट्रम फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड को एक स्माल फाइनेंस बैंक बनाने की सैद्धांतिक मंजूरी दी थी।  इस वजह से पीएमसी बैंक के टेकओवर का रास्ता साफ हो गया है।  लेकिन इस संभावित अधिग्रहण के कारण जमाकर्ताओं के नाराज होने की जानकारी मिली है।  उनका कहना है कि बैंक का अधिग्रहण चालू प्राइवेट या सरकारी बैंक के दवारा किया जाना चाहिए।  इससे सारी समस्या का हल हो जाएगा।

सभरवाल ने कहा कि बैंक की आर्थिक समस्या की वजह से पहले ही 150 लोगों की मौत हो चुकी है।  इन लोगों की जीवन भर की कमाई बैंक में जमा है।