पीएम नरेंद्र मोदी की बैठक में पुणे के वैध पांडकर भी शामिल : वैध पांडकर ने कहा – दवा आहार का कोविड में इस्तेमाल  होना चाहिए 

 

पुणे, 21 मई : कोविड संकट से बचने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के कई प्रमुख मेडिकल संस्था प्रमुखों व रिसर्चर्स से हाल ही में बात की. आर्युवेद क्षेत्र के कुछ गिने चुने रिसर्चर इसमें शामिल हुए थे।  इसमें पुणे केव वैध प्रसाद पांडकर भी शामिल थे।  भारती विद्यापीठ में सहयोगी प्रोफेसर वैध प्रसाद पांडकर कोविड काल में सभी तरह के मरीजों की आर्युवेदिक चिकित्सा और उसके रिसर्च दोनों ही स्तर पर कार्यरत है.

आनंदनाथ जी सांगवडेकर की अध्यक्षता में विश्ववती आर्युवेद संसोधन केंद्र कोल्हापुर ट्रस्ट दवारा निर्मित माधव रसायन व माधव रसायन प्लस इस मौजूदा समय में उपयोगी दवा व रिसर्च कार्य के प्रमुख समन्वयक है।  देशभर के जानकार डॉक्टर्स के साथ प्रधानमंत्री दवारा की गई बातचीत पर वैध पांडकर ने ख़ुशी जाहिर की।  उन्होंने कहा कि आज आहार ही सबसे बड़ी दवा है।  यह आर्युवेदिक सिद्धांत  का  इस्तेमाल किया तो काफी फायदा हो सकता है और कोविड मरीजों को ऑक्सीजन, आईसीयू, वेंटिलेटर पर जाने से रोका जा सकता है।

उन्होंने कहा कि आर्युवेद में मरीज व उसकी अवस्था के अनुसार इलाज बदलता है।  कोविड के इस काल में एक डॉक्टर सभी जगह नहीं पहुंच सकते है लेकिन दवा पहुंच सकती है।  आर्युवेदिक सिद्धांत को अपनाकर ऐसी दवा बनाना मुश्किल था।  लेकिन गुरु वैध समीर जमदग्नी से यह संभव हुआ है. कोविड मरीजों को पहले छह सात दिन उबला हुआ पानी तुलसी-अदरक और गुल की गोली और हल्दी, बार्ली आहार में दिया जा सकता है।

इस अवधि में मरीजों की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने के लिए अंडा, मीट जैसे प्रोटीन युक्त आहार दिए जाते है।  लेकिन केवल प्रोटीन के पीछे ना जाकर विशेष धातु के लिए विशेष आहार आर्युवेद का विचार है।  इस अवधि में किसमिस, खजूर, दालचीनी, छाछ, शहद को मिलाकर खाने से फेफड़ों, ब्लड और इम्युनिटी के शक्तिशाली साबित होता है और ऑक्सीजन बढ़ाने में मदद करता है।