Pimpri News | पिंपरी चिंचवड मनपा का कंपनीकरण शुरू पूरी मनपा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनते नहीं लगेगी देर: मारुति भापकर की टिप्पणी

पिंपरी : संवाददाता –  Pimpri News | लोकशाही के संकेतों को पैरों तले रौंदते हुए पिंपरी चिंचवड़ मनपा (Pimpri Chinchwad Municipal Corporation) में कंपनीकरण जोरों में शुरू है। हर बड़ी परियोजनाओं की अमलबाजी के लिए अलग एसपीवी कंपनी का गठन कर जनप्रतिनिधियों को निर्णय प्रक्रिया से साइडलाइन कर प्रशासन सारा कामकाज अपने हाथों में ले रहा है। प्रजातंत्र के ढांचे के लिए यह घातक है, ऐसा बताकर भूतपूर्व नगरसेवक व सामाजिक कार्यकर्ता मारुति भापकर (Maruti Bhapkar) ने मनपा में जारी कंपनीकरण (Pimpri News) को रोकने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि यह सब अभी नहीं रोका गया पूरी मनपा के प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनते देर न लगेगी।

इस बारे में भापकर द्वारा महापौर ऊषा ढोरे (Mayor Usha Dhore), आयुक्त राजेश पाटील (Commissioner Rajesh Patil) को ज्ञापन सौंपा गया है। इसमें उन्होंने कहा कि, कुछ साल पहले पिंपरी चिंचवड़ मनपा के पीसीएमटी और पुणे मनपा के पीएमटी नामक दो संस्थान थे, जो पुणे और पिंपरी चिंचवड़ में सार्वजनिक परिवहन सेवा प्रदान करते थे। तब भारी विरोध के बावजूद दोनों संस्थानो का विलय होकर पीएमपीएमएल का गठन किया गया और इस कंपनी के माध्यम से पुणे और पिंपरी चिंचवड़ में परिवहन सेवा दी जा रही है। आज इसमें कई दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा है। मनपा के नगरसेवकों की कितनी समस्याओं का समाधान किया जाता है। उनकी पसंद के हिसाब से कंपनी इस तरह से कूड़ेदान का रास्ता दिखाती है। मनपा की शक्तियां व अधिकार कैसे सिकुड़ गई हैं, यह सब देख रहे हैं। ऑटो क्लस्टर व सायन्स पार्क के लिए भी ऐसी ही अलग कंपनी बनाई गई, वहां के कामकाज और निर्णय प्रक्रिया में जनप्रतिनिधियों और जनता की कितनी सहभगिता है? इसकी अनुभूति भी मिल रही है।

स्मार्ट सिटी के लिए भी इसी तरह की अलग कंपनी स्थापित की गई है जो शहर में स्वतंत्र रूप से काम कर रही है। शहर में करदाताओं और 128 नगरसेवकों की इसमें क्या भागीदारी है? नागरिकों और नगरसेवकों के वोटों को कितना सम्मान दिया जाता है? स्मार्ट सिटी के निदेशक वास्तव में कौन हैं? कितनी बार इन निदेशकों ने स्मार्ट सिटी के काम में हो रही गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई? स्मार्ट सिटी के कार्य में कदाचार व भ्रष्टाचार की शिकायतों का क्या हुआ? इस पर आयुक्त ने क्या कार्रवाई की? यह सब खुली आंखों से देखने पर 128 नगरसेवकों इसमें क्या भूमिका निभाई या कैसे? इस पर पदाधिकारियों सहित सभी पार्टी नगरसेवकों को विचार करना चाहिए। चिखली में संतपीठ परियोजना के लिए भी कंपनी स्थापित की गई है। नदी पुनर्वास परियोजना के क्रियान्वयन के लिए एक स्वतंत्र कंपनी स्थापित करने का निर्णय कल लिया गया है। भ्रष्टाचार के एक और मैदान का दरवाजा खोलने का काम किया गया।

मारुति भापकर ने अपने बयान में कहा कि, नदी पुनर्जीवन परियोजना के लिए गठित की जानेवाली कंपनी ये सभी निर्णय लेने का अधिकार केवल इसके निदेशकों और मनपा अधिकारियों के पास होगा। दूसरी परियोजनाओं की भांति इस परियोजना में जनप्रतिनिधियों की सहभागिता नामभर के लिए रह जायेगी। बड़ी परियोजनाओं की अमलबाजी के लिए पिंपरी चिंचवड़ मनपा में एक के बाद एक कंपनी स्थापित की जा रही है। एक विशिष्ट ठेकेदार को ध्यान में रखते हुए टेंडर के नियम और शर्तें तय करने, फर्जी एस्टीमेट बनाने, ऊंची दरों से टेंडर मंजूर करने, टेंडर में रिंग करने, मनमाने ढंग से बिल जारी करने, अत्यधिक बिलों का भुगतान करने के जरिये शहर के करदाताओं के कर रूपी जमा पूंजी की लूटखसोट करने का काम इन एसपीवी कंपनियों के जरिए किया जा रहा है, यह आरोप लगाते हुए भापकर ने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो पिंपरी चिंचवड़ मनपा को एक दिन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनने में देर नहीं लगेगी। इसलिए उन्होंने मांग की है कि इस फैसले पर दोबारा विचार करें।

या कंपनीचे संचालक व अधिकारी यांनाच हे सर्व निर्णय घेण्याचे अधिकार असणार आहेत. महापालिकेत एका पाठोपाठ एक अशाप्रकारे कंपनी स्थापन केल्या जात आहे. विशिष्ट ठेकेदाराला डोळ्यासमोर ठेवून निविदेच्या अटी शर्ती बनवायच्या, बोगस इस्टिमेट बनवायचे,चड्या दाराने निविदा मंजूर करायच्या, रिंग करून निविदा मंजूर करायच्या, मनमानी पद्धतीने बिले काढायची, वाढीव खर्चाची बिले अदा करायची निकृष्ट व बोगस कामे करायची या माध्यमातून करदात्या नागरिकांच्या तिजोरीवर दिवसाढवळ्या दरोडे घालण्याचे काम केले जात असल्याचा आरोप भापकर यांनी केला. असाच कारभार सुरू राहिला तर पिंपरी-चिंचवड महापालिकेची एक दिवस प्रायव्हेट लिमिटेड कंपनी व्हायला अधिक वेळ लागणार नाही. त्यामुळे आपण या निर्णयावर पुनर्विचार करावा, अशी मागणी त्यांनी केली आहे.

 

Web Title : Pimpri News | Start of corporatization of Pimpri Chinchwad Municipal Corporation, it will not take long to become a private private limited company: Maruti Bhapkar’s comment

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