पिंपरी मनपा आयुक्त पर भी आयी अधिकारियों को चेताने की नौबत

जनप्रतिनिधियों के पत्रों के जवाब देने को प्राथमिकता देने के आदेश
संवाददाता, पिंपरी। तत्कालीन मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर के बाद पिंपरी चिंचवड़ मनपा के मौजूदा आयुक्त राजेश पाटिल पर जनप्रतिनिधियों के पत्रों के जवाब देने को लेकर उदासीन रहे अपने अधिकारियों को चेताने की नौबत आई है। उन्होंने अपने अधिकारियों को एक आदेश जारी कर जनप्रतिनिधियों के पत्रों का जवाब देने को प्राथमिकता देने को कहा है। इसमें कोताही बरतने पर कार्रवाई करने की चेतावनी भी उन्होंने दी है।
पिंपरी चिंचवड मनपा से जुड़े विभिन्न कार्यों के लिए जनप्रतिनिधि पत्र-व्यवहार करते हैं। हालाँकि उन पत्रों पर ध्यान नहीं दिया जाता है, उनके सुझावों, सलाहों के अनुसार काम नहीं किया जाता है। यहां तक कि कई बार उनके पत्रों का उत्तर भी नहीं दिया जाता है। जब इस तरह की शिकायतें जनप्रतिनिधियों की ओर से आने लगीं तो आयुक्त राजेश पाटिल ने अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों के काम को प्राथमिकता देने का आदेश दिया है और उनके पत्रों पर ध्यान नहीं देने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
जनप्रतिनिधियों द्वारा विकास कार्यों, नागरी समस्याओं एवं शिकायत के संबंध में पत्राचार किया जाता है। अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे उन पत्रों पर समय से कार्रवाई करें। हालांकि जनप्रतिनिधियों को लगातार यह अनुभव हो रहा है कि अधिकारी जवाब नहीं दे रहे हैं। इससे पहले तत्कालीन मनपा आयुक्त श्रवण हार्डिकर को इसी मुद्दे पर तीन बार आदेश जारी करना पड़ा था। फिर भी यह उदासीनता दूर न हो सकी। उन्होंने भी बार बार चेतावनी दी थी कि जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर तत्काल कार्रवाई की जाए, अन्यथा विभागाध्यक्ष व शाखा प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि मनपा अधिकारियों ने श्रावण हार्डिकर द्वारा दी गई चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया। यही स्थिति वर्तमान आयुक्त राजेश पाटिल के संज्ञान में भी आई है। इसके चलते आयुक्त पाटिल द्वारा एक परिपत्र जारी किया गया है और अधिकारियों को नए सिरे से वही आदेश देकर कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है। इसमें कहा गया है कि विभिन्न कार्यों के लिए मनपा के नगरसेवकों, पदाधिकारियों, विधायकों और सांसदों के पत्रों का जवाब देने उनके उचित सुझावों व सलाहों के अनुसार कार्यवाही करने को प्राथमिकता दी जाए। आयुक्त ने चेतावनी दी है कि अगर ऐसा कोई मामला पाया जाता है तो दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।