ऑस्ट्रेलिया में बसे पिंपरी चिंचवड़ के इंजीनियर ने दिया कोरोना विरोधी जंग में सहयोग

लोकमान्य हॉस्पिटल को सौंपा 5 पैरामीटर वाला मॉनिटर
संवाददाता, पिंपरी। पिंपरी चिंचवड़ के मूल निवासी लेकिन ऑस्ट्रेलिया में बसे एक इंजीनियर विजय चौधरी शहर में कोरोना रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बचाव में आगे आए हैं। उन्होंने एक पाँच-पैरामीटर मॉनिटर सौंपा है, जिनका उपयोग आईसीयू में मरीजों की जाँच के लिए किया जाता है। उन्होंने यह मॉनिटर सांसद श्रीरंग अप्पा बारणे सोशल फाउंडेशन को सौंपा है। फाउंडेशन के सचिव रवि नामदे और उद्यमी प्रताप बारणे ने लोकमान्य अस्पताल के व्यवस्थापक बृजेश शुक्ला, डॉ श्रीकृष्ण जोशी को गुरुवार को ये मॉनिटर सौंप दिया।
पिंपरी चिंचवड़ के मूल निवासी, विजय चौधरी वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं और वे एक इंजीनियर हैं। वे पुणे शहर, पिंपरी-चिंचवड कोरोना रोगियों की बढ़ती संख्या के बारे में चिंतित थे। उन्हें कोरोना काल के दौरान सांसद श्रीरंग अप्पा बारणे सोशल फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में पता चला। इसलिए, उन्हें लगा कि हमें भी इस महामारी में कुछ योगदान देना चाहिए। विजय चौधरी ने सोशल फाउंडेशन से संपर्क किया। उन्होंने पांच-पैरामीटर मॉनिटर खरीदने के लिए फाउंडेशन को भुगतान किया। फाउंडेशन ने 5 पैरामीटर मॉनिटर को खरीदा और उन्हें लोकमान्य अस्पताल को सौंप दिया, जो कोरोना रोगियों का इलाज में मदद करता है। पांच-पैरामीटर मॉनिटर में आईसीयू में ईसीजी, आरआर, आईबीपी, सैचुरेशन, प्लस रोगियों की जांच करने की सुविधा है।
विजय चौधरी ने कहा, “भारत में हमारे भाई कोरोना से पीड़ित हैं। संकट की इस घड़ी में कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे हमारी मातृभूमि के नागरिकों की मदद हो सके। इसमें सभी को सहयोग देना चाहिए। इस दौरान पता चला कि सांसद श्रीरंग बारणे सोशल फाउंडेशन ने लोकमान्य हॉस्पिटल के साथ मिलकर कोरोना अस्पताल की शुरुआत की है। इसलिए उन्होंने लोकमान्य अस्पताल को एक पांच-पैरामीटर मॉनिटर सौंपा और आज अस्पताल को सौंप दिया। उन्होंने मूल देश के लोगों से विदेशों में भी अपनी मातृभूमि की मदद करने की अपील की। फाउंडेशन के सचिव रवि नामदे ने कहा, पुणे, पिंपरी-चिंचवड़ शहर की स्थिति गंभीर है। कोरोना रोगियों की बढ़ती संख्या चिंताजनक है। स्थानीय प्रशासन कोरोना के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है। इसमें सभी को सहयोग देना चाहिए। विजय चौधरी भले ही विदेश में बस गए लेकिन अभी भी उनकी नाल पिंपरी चिंचवड़ से जुड़ी है। वे संकट में मातृभूमि के नागरिकों की सहायता के लिए आए हैं। मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं।