पिंपरी चिंचवड़ कांग्रेस अध्यक्ष सचिन साठे का इस्तीफा

विधानपरिषद पर मौका न मिलने से हैं नाराज
पिंपरी। एक जमाने में समस्त पुणे जिले में एकछत्र शासन करनेवाली कांग्रेस आज पिंपरी चिंचवड़ में अपने वजूद को तलाश रही है। बुरे दौर में भी पार्टी के वजूद को बनाये रखने की जद्दोजहद में जुटे रहे सचिन साठे ने अचानक कांग्रेस की पिंपरी चिंचवड़ शहर इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। बुधवार को एक तत्कालिक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने इसकी आधिकारिक घोषणा की है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने भले ही अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया हो मगर वे आगे भी पूरी निष्ठा के साथ कांग्रेस में ही कार्यरत रहेंगे।
गत छह साल से पिंपरी चिंचवड़ शहर कांग्रेस की कमान संभाल रहे सचिन साठे ने उस वक्त पार्टी का अस्तित्व बनाये रखने की जिम्मेदारी उठाई जब शहर में पार्टी का बुरा दौर शुरू हो गया था। उन्होंने भाजपा सरकार के खिलाफ विविध जनांदोलनों से शहर में पार्टी का वजूद बनाये रखने की कोशिश की। मगर उनके नेतृत्व में 2017 में हुए पिंपरी चिंचवड़ मनपा के आम चुनाव में पार्टी का एक भी नगरसेवक जीत नहीं सका। एक एक कर पार्टी के सभी बड़े सिपहसालार पार्टी छोड़कर चले गए मगर इसके बावजूद हिम्मत न हारते हुए साठे कांग्रेस का वजूद बनाये रखने की जद्दोजहद में जुटे रहे।
फिलहाल कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र की महाविकास आघाडी सरकार में शामिल है। सत्ता में वापसी के बाद जहां पार्टी को संजीवनी मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी वहीं पार्टी की अधोगति जारी ही है। इसका प्रमाण आज पिंपरी चिंचवड़ के अध्यक्ष पद से सचिन साठे के इस्तीफे से मिलता है। विधानपरिषद की राज्यपाल नियुक्ति वाली सीटों के लिए साठे तीव्र इच्छुक थे। उन्होंने पार्टी से इसके लिए अपनी इच्छा भी प्रकट की थी और उम्मीदवारी भी मांगी थी। मगर उन्हें मौका न मिलने से वे नाराज चल रहे थे। इसी नाराजी के बीच आज उन्होंने इस्तीफा दिया। हालांकि उन्होंने इस्तीफे की वजह को निजी बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि, वे 24 सालों से कांग्रेस के साथ जुड़े हुए हैं। विद्यार्थी, युवक संगठन में अलग अलग जिम्मेदारी निभा चुके हैं। वे आगे भी पूरी निष्ठा के साथ कांग्रेस से जुड़े रहेंगे।