पिंपरी विधानसभा क्षेत्र में 46.23% वोटिंग दर्ज

पिंपरी। पुणेसमाचार ऑनलाइन – राष्ट्रवादी कांग्रेस के पहले घोषित प्रत्याशी को बदलकर भूतपूर्व विधायक को प्रत्याशी घोषित करने के सियासी ड्रामे से रोचक बने पिंपरी विधानसभा चुनाव क्षेत्र में सोमवार को औसतन 46.23 फीसदी मतदान दर्ज हुआ। हालांकि यहां साढ़े चार से पांच बजे के बाद से मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें लगने लगी जिसके चलते छह बजे के बाद भी कई केंद्रों पर मतदाताओं की कतारें देखी गई। चिंचवड़ और भोसरी की भांति यहां भी मौजूदा और निवर्तमान विधायकों के बीच ‘वन टू वन’ लड़ाई है। शिवसेना के मौजूदा विधायक एड गौतम चाबुकस्वार और राष्ट्रवादी कांग्रेस के भूतपूर्व विधायक अण्णा बनसोडे के साथ कुल 18 प्रत्याशियों का नसीब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में कैद हो गया है, जिसका फैसला 24 अक्टूबर को होगा।

पिंपरी विधानसभा क्षेत्र में हमेशा की तरह सुबह से ही मतदान को लेकर मतदाताओं में अनुत्साह नजर आया। सुबह 9 बजे तक मात्र 4.1 और 11 बजे तक मात्र 11.7 फीसदी मतदाताओं ने अपना मतदान दर्ज किया। दोपहर के बाद से हालातों में थोड़े बदलाव नजर आने लगे। एक बजे तक मतदान का प्रमाण 21.69 फीसदी तक पहुंच गया। हालांकि सही मायने में दोपहर तीन बजे के बाद से यहां मतदान का उत्साह बढ़ने लगा। तीन बजे तक 31.28 और शाम पांच बजे तक 42.67 फीसदी मतदान दर्ज हुआ। झोपड़पट्टी भूल पिंपरी विधानसभा क्षेत्र में शाम चार बजे के बाद ही मतदान का प्रमाण बढ़ता है। छह बजे तक औसतन 46.23 फीसदी मतदान हुआ, हालांकि इसके बाद भी कई मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें लगी रही। यानी मतदान के अंतिम आंकड़े बढ़ सकते हैं।

अनुसूचित जाति प्रवर्ग के लिए आरक्षित पिंपरी विधानसभा चुनाव क्षेत्र के पहले विधायक चुने जाने का बहुमान राष्ट्रवादी कांग्रेस के अण्णा बनसोडे को मिला है। 2014 में हुए दूसरे विधानसभा चुनाव में उन्हें शिवसेना के एड गौतम चाबुकस्वार से मात्र 2335 वोटों से हारना पड़ा। इस हार के लिए दूसरे फैक्टर्स के साथ बनसोडे के ‘ओवर कॉन्फिडेंस’ को ज्यादा जिम्मेदार बताया गया। सियासी गलियारों में आज भी कहा जाता है कि अण्णा ‘ओवर कॉन्फिडेंस’ में रह गए और चाबुकस्वार को विधायकी का ‘जैकपॉट’ लगा। 2014 में चाबुकस्वार को 51 हजार 96, बनसोडे को 48 हजार 761 और आरपीआई की चंद्रकांता सोनकांबले को 47 हजार 266 वोट मिले थे। तीन लाख 53 हजार 545 मतदाताओं वाले इस निर्वाचन क्षेत्र में दोनों दिग्गजों के साथ कुल 18 प्रत्याशी अपना नसीब आजमा रहे हैं। इसमें वंचित बहुजन आघाडी के बालासाहेब उर्फ प्रवीण गायकवाड़ और भाजपा के बागी नगरसेवक बालासाहेब ओव्हाल भी शामिल है। राष्ट्रवादी कांग्रेस अपना यह गढ़ वापस लेने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। वहीं शिवसेना भी किसी भी सूरत में राष्ट्रवादी से छीना गया यह गढ़ कायम रखने की जद्दोजहद में जुटी है।