चुनाव खत्म होते ही पेट्रोल, डीजल के दाम में बढ़ोतरी शुरू

नई दिल्ली (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन – लोकसभा चुनाव 2019 के आखिरी चरण का मतदान संपन्न होने के एक दिन बाद सरकारी तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने सोमवार को पेट्रोल और डीजल के दाम में वृद्धि करके इस बात का संकेत दिया कि चुनाव के दौरान पेट्रोलियम पदार्थो के दाम में राहत मिलने की गुंजाइश अब समाप्त हो चुकी है।

दिल्ली में सोमवार को पेट्रोल का दाम नौ पैसे की वृद्धि के साथ 71.12 रुपये प्रति लीटर हो गया और डीजल 15 पैसे की बढ़ोतरी के साथ 66.11 रुपये लीटर हो गया। इसके साथ ही पिछले 15 दिनों के दौरान तेल के दाम में लगातार कटौती का सिलसिला थम गया। इस दौरान अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में तेजी आने के बावजूद पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार गिरावट जारी रही।

सरकारी तेल विपणन कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार को पेट्रोल और डीजल के दाम में वृद्धि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पिछले 15 दिनों के तेल के दाम वृद्धि के आधार पर किया गया है। हालांकि जानकार सूत्रों ने बताया कि सरकार के निर्देश पर चुनाव के दौरान तेल के दाम में कटौती की गई।

चुनाव अब समाप्त हो गया है, इसलिए तेल विपणन कंपनियां अब पिछले दिनों हुए घाटे को पूरा कर सकती हैं। जाहिर है कि केंद्र में नई सरकार बनने के साथ उपभोक्ताओं में परिवहन ईंधन की महंगाई का पहला झटका लगेगा। खाड़ी क्षेत्र में तनाव और ईरान व वेनेजुएला से तेल की आपूर्ति प्रभावित होने समेत वैश्विक परिस्थितियों से आगे कच्चे तेल के दाम में वृद्धि हो सकती है जिससे तेल की महंगाई पर लगाम लगाना मुश्किल होगा बशर्ते केंद्र सरकार उत्पाद कर में और राज्य सरकारें वैट में कटौती न करें।

आईएएनएस ने सात मई को अपनी रिपोर्ट में कहा था कि तेल कंपनियां चुनाव के दौरान तेल के दाम को निचले स्तर पर रखने में हुए घाटे को पाटने के लिए आगे कीमतों में 3-5 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर सकती हैं। सरकार के सूत्रों ने बताया कि मार्च और अप्रैल के महीने में तेल कंपनियों ने पेट्रोल पांच रुपये प्रति लीटर और डीजल तीन रुपये प्रति लीटर की रियायत पर बेची, जबकि इंडियन बास्केट में कच्चे तेल की औसत कीमत क्रमश : 67 डॉलर प्रति बैरल और 71 डॉलर प्रति बैरल थी। यह स्तर मई में भी अब तक बरकरार है।

इससे पहले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान पिछले साल तेल कंपनियों ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में बढ़ोतरी के बावजूद 19 दिनों तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया था, लेकिन उसके बाद लगातार 16 दिनों तक कीमतों में वृद्धि का सिलसिला जारी रहा था जिससे पेट्रोल और डीजल की कीमतें करीब 3.5 रुपये प्रति लीटर बढ़ गई थीं।