दिल्ली में अगस्त में 1.02 रुपये लीटर सस्ता हुआ पेट्रोल, डीजल 82 पैसे

नई दिल्ली (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन – पेट्रोल और डीजल के दाम में सोमवार को भी कटौती जारी रही, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में आई तेजी से आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत मिलने की गुजाइंश कम होगी। तेल विपणन कंपनियों ने लगातार दूसरे दिन पेट्रोल के दाम घटाए, जबकि डीजल की कीमत में लगातार तीसरे दिन कटौती की गई। देश की राजधानी दिल्ली में पिछले महीने के मुकाबले पेट्रोल का भाव 1.02 रुपये लीटर कम हो गया है, जबकि डीजल 82 पैसे प्रति लीटर सस्ता हो गया है। पिछले महीने के आखिर में 31 जुलाई को दिल्ली में पेट्रोल का भाव 72.86 रुपये प्रति लीटर, जबकि डीजल का भाव 66 रुपये प्रति लीटर था।

इंडियन ऑयल की बेवसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम सात पैसे घटकर क्रमश: 71.84 रुपये, 74.54 रुपये, 77.50 रुपये और 74.62 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। चारों महानगरों में डीजल के दाम भी घटकर क्रमश: 65.18 रुपये, 67.56 रुपये और 68.33 रुपये और 68.86 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। डीजल की कीमत फिर दिल्ली और कोलकाता में आठ पैसे, जबकि मुंबई और चेन्नई में नौ पैसे प्रति लीटर कम हो गई है।

अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज पर अक्टूबर डिलीवरी ब्रेंट क्रूड पिछले सत्र के मुकाबले 0.89 फीसदी की तेजी के साथ 59.16 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था, जबकि इससे पहले भाव 59.62 डॉलर तक उछला। वहीं, न्यूयॉर्क मर्के टाइल एक्सचेंज पर अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट के अक्टूबर डिलीवरी अनुबंध में 0.95 फीसदी की तेजी के साथ 55.33 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले भाव 55.73 डॉलर प्रति बैरल तक उछला।

अपराह्न् 15.40 बजे घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर कच्चे तेल के अगस्त वायदे में 52 रुपये यानी 1.33 फीसदी की तेजी के साथ 3,948 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले भाव 3,994 रुपये प्रति बैरल तक उछला।

एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (एनर्जी व करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने कहा कि खाड़ी क्षेत्र में फौजी तनाव बढ़ने के कारण कच्चे तेल के दाम में तेजी आई है, क्योंकि फौजी तनाव से तेल की सप्लाई प्रभावित होने का खतरा पैदा हो जाता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक मसलों को लेकर टकराव की स्थिति बनी हुई है, जिससे पैदा हुई वैश्विक आर्थिक सुस्ती के कारण तेल की खपत, मांग बढ़ने की संभावना नहीं दिख रही है। इसलिए कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आगे जारी रहने की संभावना कम है।

गौरतलब है कि सऊदी के तेल क्षेत्र में यमन के हौथी समूह द्वारा ड्रोन हमला किए जाने के कारण खाड़ी क्षेत्र में फौजी तनाव की स्थिति पैदा हुई है।

पेट्रोल और डीजल के भाव के आगे के रुख के बारे में गुप्ता ने कहा कि तेजी या मंदी लगातार सप्ताहभर या उससे ज्यादा समय तक जब बनी रहती है तो उससे पेट्रोल और डीजल के भाव पर फर्क पड़ता है। एक-या दो दिन की मंदी से कोई असर नहीं होगा, लेकिन आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल के भाव में ज्यादा गिरावट की संभावना कम है, क्योंकि अगर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आने वाले दिनों में ज्यादा गिरावट आती है तो तेल उत्पादक व निर्यातक देशों का समूह ओपेक कीमतों में स्थिरता लाने के लिए उत्पादन में आगे और कटौती करने पर विचार करेगा।

गौरतलब है कि ओपेक व गैर-ओपेक देश रूस इस साल जनवरी से ही कच्चे तेल के उत्पादन में रोजाना 12 लाख बैरल की कटौती कर रहे हैं।