महामारी के दौर में प्रदर्शनों पर  रोक लगाने याचिका,  गुरुवार को होगी सुनवाई

ऑनलाइन टीम. नई दिल्ली : कोरोना महामारी समाप्त होने तक किसी भी राज्य में किसी तरह के प्रदर्शन की इजाजत नहीं हो, इसकी गुजारिश उच्चतम न्यायालय से की गई है। जनहित याचिका के माध्यम से यह आग्रह किया गया है कि केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को गाइडलाइन जारी करे। यह हस्तक्षेप याचिका एसकेएम फाउंडेशन ने अपने ट्रस्टी सुधीर मिश्रा के जरिये दाखिल की है।

मालूम हो कि तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शनकारी पिछले पांच महीने से ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं। याचिका में कोरोना महामारी को देखते हुए दिल्ली और दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन और धरना दे रहे लोगों को हटाए जाने की मांग की गई है। इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई होनी थी, जो अब गुरुवार तक टल गई है।

याचिका में कहा गया है कि कोरोना महामारी गंभीर रूप लेती जा रही है। सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही हैं। प्रदर्शनकारी मान नहीं रहे हैं और पूरे इलाके के लिए खतरा बने हुए हैं। क्षेत्र में कोविड नियमों का कोई पालन नहीं हो रहा है।  दूसरी तरफ, सुप्रीम कोर्ट में एक और अर्जी दाखिल हुई है, जिसमें मौजूदा महामारी का जिक्र करते हुए कहा गया है कि आपातकालीन सेवाओं का दिल्ली-एनसीआर में निर्बाध आवागमन सुनिश्चित किया जाना चाहिए और दिल्ली-एनसीआर को जोड़ने वाले हाईवे पर किसी भी तरह का ब्लाकेज नहीं होना चाहिए।

बता दें कि कोरोना की स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है। दिल्ली, महाराष्ट्र, यूपी, राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी से हाल बेहाल है। मरीज इलाज के लिए दर दर भटक रहे हैं और अस्पताल नए मरीजों को भर्ती करने से कतरा रहे हैं। देश में सबसे ज्यादा नए मरीज महाराष्ट्र में मिल रहे हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्यप्रदेश और तमिलनाडु में भी बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित सामने आ रहे हैं।