राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ परमबीर सिंग की HC में याचिका; डीजीपी पांडे पर गंभीर आरोप

मुंबई : तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंग एक बार फिर से हाईकोर्ट पहुंचे। राज्य सरकार की ओर से की जा रही जांच प्रक्रिया के खिलाफ परमबीर सिंग ने चुनौती याचिका दायर की है। मुंबई उच्च न्यायालय में राज्य सरकार द्वारा परमबीर सिंग के विरोध में 2 मामले को लेकर जांच के बाद अब एक नई याचिका दायर की गई है। पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर ने 19 अप्रैल को जब महाराष्ट्र के डीजीपी संजय पांडे से मुलाकात की, उस समय उन्होने कहा था कि सरकार उनके ऊपर कई केस दर्ज करने वाली है। अनिल देशमुख पर आरोप लगाने वाले पत्र जो राज्य सरकार को भेजे गए थे उसे वापस लेने की सलाह डीजीपी पांडे ने परमबीर सिंग को दी थी। ऐसा परमबीर सिंग के वकील मुकुल रोहतगी ने हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा है।

परमबीर सिंग की याचिका में लगाए गए आरोपो का उत्तर देने के लिए उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को कहा है। अब 4 मई को इस मामले में सुनवाई होगी। वही 1 अप्रैल को निर्देश के साथ डीजीपी पांडे ने सेवा नियमो के अनुसार परमबीर सिंग के खिलाफ प्राथमिक जांच शुरू की। राज्य सरकार के 2 आदेशो को चुनौती देने वाली सिंग की याचिका पर मुंबई हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इससे पहले परमबीर सिंग ने अनिल देशमुख पर फिरौती के आरोप की सीबीआई जांच की मांग की थी।  इस मांग की याचिका हाई कोर्ट में दी थी। हाई कोर्ट ने सिंग और दो अन्य जनहित याचिका को रद्द कर दिया था।

क्या है 100 करोड़ भ्रष्टाचार का मामला

पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंग द्वारा दायर किए गए याचिका के अनुसार तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे और अन्य पुलिस अधिकारियो को हर महीने 100 करोड़ जमा करने का लक्ष्य दिया गया था। ये पैसे बार, रेस्टोरेंट और अन्य संस्था से कमाने का आदेश दिया गया था। साथ ही पुलिस तबादले और पोस्टिंग में भी भ्रष्टाचार होता है। जांच में राजनीतिक व्यक्ति का हस्तक्षेप होता है। सरकारी वकील ने इस याचिका को दायर करने पर आपत्ति जताया है। परमबीर सिंग को आयुक्त पद से हटाने के बाद यह याचिका दायर की गई। ऐसा इसमे उल्लेख किया गया है।