मुंबई (Mumbai News) – मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने शहर के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह (Parambir Singh) के खिलाफ वसूली का एक और मामला दर्ज किया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। यह परमबीर सिंह (Parambir Singh) के खिलाफ चौथा और मुंबई (Mumbai) में दूसरा ऐसा मामला है। दो अन्य मामले ठाणे (Thane) शहर में दर्ज किए गए हैं। ये सभी प्राथमिकियां एक महीने के भीतर दर्ज हुई हैं। अधिकारी ने बताया कि नयी प्राथमिकी 48 वर्षीय बिल्डर बिमल अग्रवाल की शिकायत के आधार पर शुक्रवार रात को गोरेगांव पुलिस थाना (Goregaon Police Station) में दर्ज की गई।
Mumbai | Another extortion case was registered by Mumbai Police against former Mumbai CP Parambir Singh in Goregaon Police station last night. This is the fourth extortion case registered against Singh. Suspended Mumbai Police officer Sachin Waze is also an accused in the case.
— ANI (@ANI) August 21, 2021
इस मामले में मुंबई के निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे (Sachin Waje) भी आरोपी है। बता दें, परमबीर सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार (Corruption) और जबरन वसूली के मामलों में जांच चल रही है। उन पर आरोप है कि उन्होंने डेवलवपर श्याम सुंदर अग्रवाल (Developer Shyam Sundar Agarwal) से 20 करोड़ रुपये की जबरन वसूली की है। इसी मामले को लेकर परमबीर सिंह (Parambir singh) के खिलाफ मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन (Marine Drive Police Station) में एफआईआर (FIR) भी दर्ज हुई है।
मामले में बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे और चार अन्य – सुमित सिंह उर्फ चिंटू, अल्पेश पटेल, विनय सिंह उर्फ बबलू और रियाज भाटी भी आरोपी के तौर पर नामजद किए गए हैं। अग्रवाल की शिकायत के अनुसार, आरोपियों ने दो बारों एवं रेस्तरां पर छापेमारी (raid) नहीं करने के एवज में उससे नौ लाख रुपये की उगाही की और उनके लिए लगभग 2.92 लाख रुपये के दो स्मार्टफोन खरीदने के लिए भी मजबूर किया। इन बारों एवं रेस्तरां को शिकायतकर्ता साझेदारी में चलाता था। शिकायत में कहा कि यह घटना जनवरी 2020 से मार्च 2021 के बीच हुई।
अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर छह आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 384 और 385 (दोनों वसूली से संबंधित धाराएं) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और मामले में जांच जारी है।
सिंह वर्तमान में डीजी होमगार्ड के पद पर तैनात हैं और बीमारी की छुट्टी पर होने के कारण मई से कार्यालय नहीं आ रहे हैं।
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