कश्मीर पहुंचने के लिए एलओसी पार करने की योजना में पाकिस्तानी डॉक्टर

इस्लामाबाद, 9 सितम्बर (आईएएनएस)| 75 से अधिक पाकिस्तानी डॉक्टरों की एक टीम नर्सों और पैरामेडिक्स के साथ कश्मीर में प्रवेश करने के लिए सोमवार को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार करने की योजना बना रही है, ताकि वे कश्मीर की जनता को चिकित्सा उपलब्ध कराने के साथ ही उनकी सहायता कर सकें। यह जानकारी एक मीडिया रपट में सामने आई है। द न्यूज इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह टीम रविवार शाम मुजफ्फराबाद पहुंची थी और वे टीम में सोमवार तक 100 से अधिक अतिरिक्त डॉक्टरों के शामिल होने की उम्मीद कर रहे थे।

यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ एंड साइंसेज (यूएचएस) और पाकिस्तान सोसाइटी ऑफ इंटरनल मेडिसिन (पीएसआईएम) ने 30 अगस्त को एक घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किया था, जिसके अनुसार डॉक्टरों की एक बहु-विषयक टीम को कश्मीर भेजने की बात कही गई थी।

डॉन न्यूज ने पिछले सप्ताह अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि इस दौरान यह भी तय किया गया था कि डॉक्टरों की टीम दवाओं को अपने साथ ले जाएगी।

यूएचएस के वाइस चांसलर प्रोफेसर जावेद अकरम, जो पीएसआईएम के संस्थापक अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने भारतीय अधिकारियों से डॉक्टरों की टीम के लिए बाधा पैदा न करने और न ही प्रतिबंध लगाने की गुजारिश की थी।

रविवार को द न्यूज इंटरनेशनल से बात करते हुए, प्रोफेसर अकरम ने कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि के साथ बैठक करने के बाद सोमवार को अपनी टीम के साथ मुजफ्फराबाद में एलओसी पार करने की योजना बनाई है।

उन्होंने कहा कि वह 21 डॉक्टरों के प्रवेश की मांग करेंगे और यदि ऐसा नहीं हो पाया तो वे भारतीय अधिकारियों से मानवीय आधार पर यूएचएस और पीएसआईएम के सिर्फ तीन डॉक्टरों को कश्मीर जाने की अनुमति देने के लिए कहेंगे।

प्रोफेसर अकरम ने कहा, “हमने दवाइयों और राहत सामग्रियों से भरे एक ट्रक के साथ चकोठी से कश्मीर में प्रवेश करने का फैसला किया है, हालांकि हमें इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं है कि इसका परिणाम क्या होगा।”

अकरम ने कहा कि वह पांच सितंबर को भारतीय उच्चायोग के प्रथम सचिव (अर्थशास्त्र और वाणिज्य) आशीष शर्मा से मिले थे और उन्हें डॉक्टरों को वीजा जारी करने के लिए एक आवेदन सौंपा था, लेकिन राजनयिक ने कहा था कि डॉक्टरों को सुरक्षित रास्ता उपलब्ध कराना संभव नहीं।