बदहाली की कगार पर पहुंचा पाकिस्तान, लग रहा 17 साल का सबसे बड़ा झटका, सोमवार को बड़े निर्णय की उम्मीद 

 नई दिल्ली : समाचार ऑनलाईन – तमाम तरह के संकटों  का सामना कर रहे पाकिस्तान एक बार फिर बड़ी मुसीबत में फंसता हुआ नज़र आ रहा है । पाकिस्तान में एक तरफ महंगाई से लोग परेशान है तो वही दूसरी तरफ रुपए आ रही गिरावट से शेयर बाजार में लगे पैसे को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है । इस बीच पाकिस्तान का सेंट्रल बैंक सोमवार को आर्थिक हालात को देखते हुए बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है । माना जा रहा है सेंट्रल बैंक ब्याज दरों पर बड़ा फैसला लेगा। रुपए की गिरते मूल्य को संभालने के लिए कई  निर्णय ले सकता है । बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के शेयर बाजार में 17 सालों की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है । मात्र दो दिनों में पाकिस्तान का रुपए अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 3 रुपए तक कमज़ोर हुआ है ।
सोमवार को बड़े ऐलान की संभावना 
पाकिस्तान के अख़बार के मुताबिक सेंट्रल बैंक सोमवार को ब्याज दरों पर बड़ा फैसला लेगा। बैंक ने एक बयान जारी कर कहा है कि 10 मई को समाप्त हुए सप्ताह में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 13. 80 अरब करोड़ डॉलर से घटकर 8. 846 अरब डॉलर बचा है ।
अब तक के सबसे बुरे हाल में पाकिस्तान का रुपया 
फ़िलहाल पाकिस्तान का रूपया एशिया की सबसे कमज़ोर प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बन गई है । किसी भी देश की कमज़ोर होती मुद्रा से देश की महंगाई को बढ़ावा मिलता है । फ़िलहाल पाकिस्तान 8 फीसदी की महंगाई दर का सामना कर रहा है ।
निवेशकों ने फेर रखा है मुंह 
पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने राहत पैकेज के लिए आईएमएफ की कौन-कौन सी शर्तों को माना है । इसकी अटकलों ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी और और उन्होंने सरकार से मुंह फेर रखा है ।
सरकारी खजाने को बचाने के लिए उठाये ये जरुरी कदम 
पाकिस्तान सरकार ने गिरते रुपए को स्थिर करने लिए एक समिति गठित की थी । इसके तहत सरकार विदेश जा रहे पाकिस्तानियों को सिमित मात्रा में डॉलर देने का फैसला कर  सकती है । यह रकम 10,000 डॉलर से घटकर 3,000 डॉलर हो सकता है ।
इस  हालत की वजह क्या है 
१) पिछले सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से पाकिस्तान को छह अरब डॉलर का बेल आउट पैकेज मिला, लेकिन दिक्कत ये है कि यह कर्ज पाकिस्तान को 3 साल में मिलेगा। इससे मौजूदा आर्थिक हालात जो पाकिस्तान में बने हुए है उसमे तत्काल सुधार की गुंजाइश नहीं है ।
2 ) पाकिस्तानी पीएम ने जिन शर्तों पर यह कर्ज लिया है उसकी पाकिस्तानी मीडिया में जमकर आलोचना हो रही है । पाकिस्तानी अखबारों के मुताबिक आईएमएफ ने लाखों लोगों पर जो आर्थिक बोझ डाला है उसके परिणाम जल्द सामने आयंगे। शर्तें महंगाई का बोझ बढ़ेगा।
3) अर्थशास्त्री मानते हैं कि मौजूदा समय में पाकिस्तान महंगाई की मार झेल रहा है । ऐसे में बढ़ती बेरोजगारी के बीच बेलआउट पैकेज से ईंधन पर टैक्स बढ़ेगा, बिजली महंगी होगी और पाकिस्तानी रुपए में और गिरावट आएगी।