पाकिस्तान : जेयूआई-एफ मार्च पर धार्मिक टकराव, बरेलवी धर्मगुरु मार्च के खिलाफ

लाहौर (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाइन – पाकिस्तान में धार्मिक-राजनैतिक मामलों में पाए जाने वाले अंतरविरोध एक बार फिर उस वक्त खुलकर सामने आ गए जब इस्लाम के बरेलवी मत के धर्मगुरुओं व संस्थाओं ने जमीयत उलेमाए इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के प्रस्तावित आजादी मार्च का खुलकर विरोध किया। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, बरेलवी मत को मानने वाली इन संस्थाओं का कहना है कि विपक्षी दल की कोशिश राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों से ध्यान हटाने की है।

बरेलवी संस्थाएं सुन्नी इत्तेहाद कौंसिल (एसआईसी) और तहरीके लब्बैक या रसूल अल्लाह (टीएलवाईआर) समेत करीब 25 बरेलवी संस्थाओं के धार्मिक नेताओं ने अलग-अलग संवाददाता सम्मेलन में देश की सभी लोकतांत्रिक ताकतों से इस मार्च से अलग रहने की अपील की। इन नेताओं आरोप लगाया कि ‘जेयूआई-एफ के नेता मौलाना फजलुर रहमान देश के दुश्मनों के एजेंडे पर काम कर रहे हैं और यह मार्च कश्मीरी मुसलमानों की स्थिति की तरफ से लोगों का ध्यान हटा देगा। इसका लक्ष्य देश में अस्थिरता पैदा करना है।’

इन नेताओं ने ऐलान किया कि 25 अक्टूबर को ‘कश्मीरी एकजुटता दिवस’ मनाया जाएगा। 26 अक्टूबर को इस्लामाबाद में एक सम्मेलन कर जेयूआई-एफ के आजादी मार्च का विरोध किया जाएगा। इस सिलसिले में देश भर में रैलियां निकाली जाएंगी।

पूर्व में पाकिस्तान की सरकारों के साथ हिंसक टकराव में शामिल हो चुके टीएलवाईआर के नेताओं ने कहा कि यह तय है कि इमरान खान पैगंबर मोहम्मद साहब और उनके बाद के रहनुमाओं की मदीना जैसी शासन व्यवस्था नहीं दे सकते और न ही मौलाना फजल का देश में इस्लामी व्यवस्था लाने का कोई इरादा है। दोनों ही लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं।

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