हाफिज सईद को पाक अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई

इस्लामाबाद. ऑनलाइन टीम  मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी और टेरर फंडिंग  के मामले में लाहौर जेल में बंद आतंकी हाफिज सईद को 10 साल की सजा सुनाई गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट के एक अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को लाहौर की एंटी टैरिरिज्म कोर्ट ने जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद समेत आतंकी संगठन के कुछ नेताओं को सजा सुनाई है। संगठन के नेताओं के खिलाफ कुल 41 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 24 मामलों पर फैसला आ चुका है। जबकि, बचे हुए केस पर सुनवाई होनी बाकी है। सईद के खिलाफ चार मामलों में फैसला आ गया है।

सईद को संयुक्त राष्ट्र की तरफ से आकंवादी घोषित किया गया है और अमेरिका ने उसके ऊपर 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा है। हाफिज सईद को आतंकी वित्त पोषण मामले में पिछले साल 17 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। उसे इस साल फरवरी में एक आतंकवाद निरोधी कोर्ट की तरफ से 11 साल कैद की सजा सुनाई गई थी। इस वक्त वह लाहौर के हाई सिक्योरिटी वाले कोट लखपत जेल में बंद है। मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमले में हाफिज सईद भारत में वांटेड है। इस हमले में 10 आतंकवादियों ने 166 मासूमों को मौत के घाट उतार दिया था, वहीं सैकड़ों लोग घायल हो गए थे।

हाफिज सईद आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है। पाकिस्तान में वो जमात-उद-दावा नामक संगठन चलाता है। हाफिज सईद का जन्म पांच जून 1950 को पाकिस्तान के सरगोधा, पंजाब में  हुआ था। उसकी पत्नी का नाम मैमूना सईद और बेटे का नाम तलहा सईद है। भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय उसका परिवार हरियाणा के हिसार से लाहौर चला गया था।  हाफिज मूलरूप से इंजीनियर है और अरबी भाषा का प्रोफेसर भी रह चुका है। अमेरिकी सरकार की वेबसाइट रिवार्ड्स फॉर द जस्टिस में भी हाफिज सईद को जमात-उद-दावा, अहले हदीद और लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक बताया गया है। अहले हदीद एक ऐसा इस्लामिक संगठन है जिसकी स्थापना भारत में इस्लामिक शासन लागू करने के लिए की गई है। वह इन्हीं संगठनों के बूते आतंक को पनाह देता है, जिसका खामियाजा दुनिया भुगत रही है।