‘पकड़उआ शादी’…बिहार में एक और नाबालिग की करा दी शादी,  थाने पहुंचा मामला 

जहानाबाद. ऑनलाइन टीम : बिहार के जहानाबाद में एक नाबालिग को अगवा कर शादी किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। नाबिलग के परिजनों ने थाने में इसकी शिकायत की है।

प्रकरण आदर्श कॉलोनी निवासी नाबालिग छात्र रविरंजन कुमार का है। दर्ज शिकायत में उसने कहा है कि  वह 11 दिसंबर की शाम भाभी सुनैना देवी एवं उनकी बहन मंजू देवी जो काको थाना क्षेत्र के देवरत गांव के रहने वाले हैं, उन्होंने  फोन कर मुझे बुलाया और बोला कि आप घर आइए लेकिन बीच रास्ते में ही बस स्टैंड के समीप पहुंचे तो पहले से घात लगाये पांच लोगों ने लाल रंग के चार पहिया गाड़ी में जबरन बिठा लिया और मोबाइल छीन लिया।  वे मुझे मदारपुर ले गये, जहां जबरदस्ती सभी लोगों ने मिलकर शादी कर दी। इसकी बाद शादी की सूचना परिजनों को दी।

हैरान-परेशान घर वालों ने दबिश बनाया तो छीना गया मोबाइल उन्हें  दिया गया। साथ ही कहा गया कि अब तो शादी हो चुकी है। इस पर दुल्हे का कहना है कि मैं अभी नाबालिग हूं और नाबालिग की शादी कानूनन जुर्म है। रविरंजन की गुहार है कि मुझे इस बंधन से मुक्त कराया जाए।

बता दें कि बिहार में ‘पकड़उआ शादी’ की पुरानी परंपरा रही है। जैसे ही लगन का शुभ मुहूर्त शुरू होता है पकड़उआ शादी के लिए लड़की के मां-बाप ऐसे लड़कों पर नजरें टिकाए रहते हैं जो अच्छी नौकरी कर रहे या जमीन जायदाद से संपन्न हों। ऐसे लड़कों का मौका देखते ही अपहरण कर लिया जाता है। लड़की के घर में शादी की पूरी तैयारी रहती है। लड़के को पता भी नहीं चलता कि उसके साथ ये क्या हो रहा है? अचानक उसे मंडप पर बैठा दिया जाता है और वधू पक्ष उसे बताता है कि उसकी शादी फलां दुल्हन से की जा रही है। उसके बाद मंडप पर उससे जबरन लड़की की मांग में सिन्दूर भरवाया जाता है, दूल्हा अगर इसके लिए ना-नुकर करता है तो उसकी जमकर पिटाई की जाती है।

तब भी नहीं माना तो हथियार का भी प्रयोग किया जाता है। डर के मारे दूल्हा जैसा दिशा-निर्देश दिया जाता है, वैसा ही करता जाता है और फिर शादी संपन्न हो जाती है। लड़कों के अपहरण के लिए लड़की वाले अक्सर अपने मित्रों, परिजनों और यहां तक की पेशेवर अपराधियों का भी उपयोग करते हैं। 80 के दशक में उत्तर बिहार में पकड़उआ विवाह के मामले ख़ूब सामने आए थे। इस तरह की शादियां करवाने के लिए बाकायदा गिरोह बने थे, जो लड़कों का अपहरण कर शादी करवाते थे।