मप्र: (मंदसौर), समाचार ऑनलाइन- मंदसौर में पुलिस की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है. यहाँ पर एक 22 वर्षीय विवाहिता तीन घंटे तक जलती रही और पुलिस तमाशबीन बनी देखती रही. इसके बाद से पूरे शहर में पुलिस की लापरवाही पर शहरवासी गुस्सा जता रहे हैं. हालांकि इस घटना का वीडियो अब पुलिस की असंवेदनशीलता का पूरा कारनामा बयाँ कर रहा है. लेकिन पुलिस इस बारे में कुछ कहने से अपना पल्ला झाड़ रही है.
क्या है मामला
मृतक महिला की दो साल पहले ही शादी हुई थी. लेकिन कुछ समय से वह अपने मायके में ही रह रही थी.
पड़ोसी ने बताया कि दोपहर 2 बजे के आसपास घर से धुआं उठते हुए दिखा, तो लोग घर की तरफ भागे. जब उन्होंने अंदर झांककर देखा तो लड़की अंदर जल रही थी. उसने केरोसिन डालकर खुदको आग के हवाले कर दिया था. तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को दी गई है.
3 घंटे घर के बाहर पुलिस बैठी रही, लड़की अंदर जलती रही
इसके बाद थाना प्रभारी टीम मौके पर पहुंची और खिड़की तुड़वाई. लेकिन हैरानी के बात यह हैं कि पुलिस ने जलती लड़की को बचाने की कोई कोशिश नहीं की और बाहर बैठ गए. और-तो-और किसी को अंदर जाने की भी इजाजत नहीं दी. इसके लगभग 4:45 बजे जब FSL महिला अधिकारी चंदा आंजना मौके पर पहुंची और जलती लड़की की आग बुझाई गई.
इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि महिला अधिकारी के पहुंचने पर, वहां पहले से मौजूद भाऊ गढ़ थाना प्रभारी आरसी गौड कितने सामान्य रूप से उन्हें घटना की जानकारी दे रहे हैं.
मेरी बेटी बच सकती थी लेकिन…
इस पूरी घटना से टूट चुके पिता कोमल टेलर ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलिस अगर चाहती तो बेटी को बचाया जा सकता था. वो चाहते तो मेरी बेटी को अस्पताल लेजा जा सकते थे, लेकिन उन्होंने करीब 3 घंटे तक उसे जिन्दा जलने के लिए छोड़ दिया.
उक्त घटना पर प्रतिक्रियां व्यक्त करते हुए भाऊगढ़ थाना क्षेत्र से संबंधित एसडीओपी बृजभूषण शर्मा कहा है कि, मैं जब तक घटनास्थल पर पहुंचा जब तक लड़की की लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल ले जाया जा चुका था. इसलिए मुझे पूरी जानकारी नहीं है. अगर पुलिस की कोई लापरवाही सामने आती है, तो जरूर कार्रवाई की जाएगी.
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