ऑस्कर विजेता A.R. Rehman के खुले कई राज, आते थे खुदकुशी के ख्याल 

समाचार ऑनलाइन : ऑस्कर विजेता म्यूजिक कंपोजर ए.आर. रहमान की प्रतिभा सामने आने से पहले उनके जीवन में एक समय ऐसा भी था, जब वे खुद को असफल मानते थे और लगभग हर दिन खुदकुशी के बारे में सोचा करते थे। रहमान ने बताया कि उनके करियर के शुरुआती दिनों में बुरे दौर ने उन्हें मजबूत बनाने में मदद की। बातें शेयर करते हुए कहा कि एक वक्त था जब उन्हें आत्महत्या के ख्याल आते थे।
खुदकुशी करने का ख्याल आता था
संगीतकार ने ‘नोट्स ऑफ ए ड्रीम : द ऑथराइज्ड बॉयोग्राफी ऑफ एआर रहमान’ में अपने मुश्किल दिनों और अन्य घटनाओं के बारे में बात की। इस किताब को कृष्ण त्रिलोक ने लिखा है। शनिवार को इस किताब को लॉन्च किया गया। रहमान ने बताया कि 25 साल की उम्र तक उन्हें खुदकुशी करने का ख्याल आता था। रहमान ने कहा, ‘हम में से ज्यादातर लोगों को लगता है कि हम अच्छे नहीं हैं। चूंकि, मेरे पिता का देहांत हो गया था इसलिए एक खालीपन था। लेकिन इसी बात से मैं और मजबूत बना। एक दिन सबकी मौत होनी है इसलिए मैं निडर हो गया। उससे पहले सबकुछ स्थिर था। शायद इसलिए ऐसी भावना आई थी। मेरे पिता की मौत के बाद मैंने ज्यादा फिल्में नहीं कीं। मुझे 35 फिल्में मिलीं और मैंने केवल दो की थीं। मैं उस वक्त 25 साल का था।’
खुद के भीतर गहराई तक उतरना पड़ता है
1992 में ‘रोजा’ से डेब्यू करने से पहले रहमान ने परिवार सहित इस्लाम अपना लिया। वह पीछे का सबकुछ पीछे छोड़ देना चाहते थे इसलिए उन्होंने अपना असली नाम दिलीप कुमार भी पीछे छोड़ दिया। रहमान का कहना है कि म्यूजिक बनाने का काम अकेले होने से ज्यादा अपने भीतर झांकने वाला है। आपको यह देखना होता है कि आप कौन हैं और वही बाहर निकालना होता है। जब आप कोई कल्पना करते हैं तो आपको खुद के भीतर गहराई तक उतरना पड़ता है।