नवमी, दसवीं, ग्यारहवीं के आधार पर बारहवीं का अंक देने का विकल्प ; कोरोना की वजह से सीबीएसई का प्रस्ताव 

दिल्ली, 31 मई : कोरोना की दूसरी लहर की वजह से बारहवीं परीक्षा लेनी है या नहीं लेनी है इस संबंध में मंगलवार 1 जून को केंद्र सरकार दवारा  घोषणा किये जाने की संभावना है।  लेकिन नवमी, दसवीं, ग्यारहवीं इन तीन वर्षो के रिजल्ट पर विचार करते हुए संबंधित विधार्थियों को बारहवीं का अंक देने का एक विकल्प सीबीएसई बोर्ड ने रखा है।

बारहवीं के लिए सभी विषयों के बजाय कुछ महत्वपूर्ण विषयों की परीक्षा लेने, उसकी अवधि डेढ़ घंटे रखने का विकल्प सीबीएसई ने रखा था. इस विकल्प को कुछ राज्यों ने नकार दिया है।  साथ ही बारहवीं की परीक्षा से पहले विधार्थियों को कोरोना वैक्सीन दिया जाए व उसके बाद परीक्षा ली जाये।  यह मांग कुछ राज्यों ने की है।  केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में विभिन्न राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की बारहवीं परीक्षा को लेकर हाल ही में बैठक आयोजित की गई थी।  उस वक़्त मौजूदा स्थिति की समीक्षा की गई थी।

स्कूलों से  जानकारी जुटाने के निर्देश

कौंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीेई ) संथा ने 27 मई को कहा था कि ग्यारहवीं में विधार्थियों को विभिन्न विषयों में कितने अंक मिले इसकी जानकारी जुटाने के लिए स्कूलों से कहा गया है।  साथ ही बारहवीं में स्कूल के तहत हुई परीक्षा में उस विधार्थी को कितने अंक मिले इसका भी ब्यौरा जमा किया जा रहा है।  इन अंकों पर विचार कर बारहवीं के विधार्थियों को फाइनल अंक दिया जाएगा।  इसकी जांच चल रही है।

आज याचिका पर होगी सुनवाई

कोरोना की वजह से बारहवीं की परीक्षा रद्द करने की मांग करने वाली याचिका पर आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इस सुनवाई के बाद क्या आदेश दिया जाता है इस पर सबकी नज़रें टिकी रहेगी।

राज्य के शिक्षा बोर्ड पर नज़र बारहवीं की परीक्षा लेने को लेकर केंद्र सरकार क्या निर्णय लेती है ? इस पर महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों के शिक्षा बोर्ड की नज़रें टिकी हुई है। परीक्षा नहीं होने की स्थिति में बारहवीं के विधार्थियों को अंक कैसे देना है ? यह सवाल उनके सामने खड़ा है।

परीक्षा रद्द होने पर राज्य का  शिक्षा बोर्ड बारहवीं का अंक देते समय  सीबीएसई की तरह नवमी, दसवीं और ग्यारहवीं के अंक को आधार बनाने का विकल्प स्वीकार सकती है।

दो चरणों में परीक्षा का विकल्प

कोरोना संक्रमण की वजह से बारहवीं की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर कुछ विधार्थी कोर्ट गए है।  1 से 20 अगस्त के बीच बारहवीं की परीक्षा ली जाए या 15 जुलाई से 26 अगस्त के बीच विधार्थियों का उनके स्कूल में बारहवीं की परीक्षा ली जाए।  उनसे ऑब्जेक्टिव सवाल किये जाए।  यह परीक्षा दो चरणों में हो. यह दूसरा विकल्प सीबीएसई ने सामने रखा है।