निष्कर्ष तक पहुंचने के बाद ही एनआईए आधिकारिक तौर पर जानकारी दे, बेमतलब की खबरें न फैलाएं

अंबानी के घर के पास पाए गए विस्फोटकों के मामले की जांच एनआईए कर रही है। सचिन वेज की गिरफ्तारी के बाद इस संबंध में विभिन्न खबरें सामने आ रही हैं। इस पर राज्य के जल संरक्षण मंत्री और राष्ट्रवादी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने एनआईए को सलाह दी है। उन्होने कहा कि विस्फोटक  और सचिन वाझे की जांच के बारे में निष्कर्ष तक पहुंचने के बाद ही एनआईए बोले। हर दिन बिना किसी कारण के खबर न फैलाये ।

जयंत पाटिल ने एनआईए जांच पर अपनी बात रखी। इन सबकी वजह से समाज के उन लोगों तक गलत संदेश जाता है जिन्हें जांच प्रक्रिया के बारे में कुछ पता नहीं है। इसलिए  एनआईए पहले पूरी जांच करनी चाहिए। इस पूरे मुद्दे पर आधिकारिक तौर पर संबोधित किया जाना चाहिए। केंद्रीय एजेंसियों को जांच करनी चाहिए। हालांकि, अखबारों में अमुक ने ऐसा किया,  उन्होंने ऐसा किया, ऐसी खबरें न दे। इन सभी सबूतों के आधार पर एनआईए द्वारा निष्कर्षों को  जारी करने के बाद राज्य सरकार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तैयार है।

नारायण राणे पर भी जयंत पाटिल ने टिप्पणी की। नारायण राणे की हालत जल बिन मछली की तरह हो गई है। नारायण राणे फिर से सत्ता में कब आएंगे, ऐसा स्थिति हो गई है। इसलिए कुछ हुआ नहीं कि वे राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हैं। अगर हम न्यायसंगत बात करते हैं तो सबसे पहले उत्तर प्रदेश और गुजरात में राष्ट्रपति शासन लागू करना चहिए।

जयंत पाटिल ने देवेंद्र फ़डणवीस पर भी निशाना साधा है। जब से महाविकास आघाडी की सत्ता राज्य में आई है,  तब से भाजपा नेता कह रहे हैं कि सरकार गिर जाएगी। इस सत्र में पहली बार बीजेपी को एक विपक्षी दल की तरह व्यवहार करते देखा गया। देवेंद्र फड़णवीस आश्वस्त हैं कि वह अगले साढ़े तीन साल तक उन्हें विपक्ष में ही रहना हैं। इसके अनुसार उन्होंने सत्र में विपक्ष के नेता की भूमिका निभाई। उन्हें हमेशा ऐसा करना चाहिए, फडणवीस को विपक्ष में बैठने की आदत डाल लेनी चाहिए।