सरकार बनाने के लिए केवल 48 घंटे बाकी, ये 9 सूत्र बना सकती है नई सरकार

मुंबई, 7 नवंबर – 9 नवम्बर को राज्य विधानसभा बर्खास्त हो जाएगी। इसलिए राज्य में सरकार बनाने की हलचल तेज़ हो गई है. शिवसेना अपना मुख्यमंत्री बनाने को लेकर अड़ी हुई है. जबकि भाजपा की तरफ से कई लोगों से मुलाकात की जा रही है. ऐसी स्थिति में उद्धव ठाकरे आज अपने विधायकों के साथ बैठक करके निर्णय लेंगे।

विरोधियो का कहना है कि राज्य में युति सरकार बनाकर सत्ता का पेंच खत्म करे. लेकिन भाजपा दवारा दिए गए शब्द को लेकर शिवसेना अड़ी हुई है. भाजपा के पास सबसे अधिक सीटें है. लेकिन इसके बावजूद भाजपा सरकार बनाने से वंचित है. कांग्रेस और राष्ट्रवादी की भूमिका राज्य में सरकार गठन के लिहाज से महत्वपूर्ण है. सरकार बनाने के लिए थोड़ा सा वक़्त बचा है. आगे आने वाला नया समीकरण सरकार बनाने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.

1. किसी भी पार्टी में विभाजन होना मुश्किल है. क्योकि इससे पार्टी पर भविष्य में गलत असर हो सकता है. हरियाणा में दुष्यंत चौटाला ने भाजपा से हाथ मिला तो उन्हें जाट मतदाताओ की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है.

2. देवेंद्र फडणवीस से चर्चा करने के लिए शिवसेना तैयार नहीं है. शिवसेना केवल दिल्ली नेतृत्व से चर्चा करना चाहती है.

3. 2014 की तरह भाजपा को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. इसलिए उसे शिवसेना की जरुरत है.

4. शरद पवार के पास कम सीटें होने के बावजूद वह सत्ता के केंद्र में है. फ़िलहाल उनका संख्याबल राजनीति को बदल सकती है.

5. राष्ट्रवादी के साथ कांग्रेस की भूमिका महत्वपूर्ण है. उसके पास 44 सीटें है.

6. भाजपा के सत्ता में आने पर शिवसेना भाजपा पर हावी होगी। क्योकि एकनाथ खड़से, विनोद तावड़े, पंकजा मुंडे जैसे कई नेता मंत्री पद से काफी दूर है.

7. नितिन गडकरी को भी राज्य की राजनीति का अच्छा अनुभव है. ऐसे में उनकी भूमिका भी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है.

8. अगर किसी दल ने सरकार नहीं बनाया तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लग जाएगा। इसके बाद अगर शिवसेना कांग्रेस और राष्ट्रवादी साथ आती है तो राज्य में नया राजनीतिक समीकरण देखने को मिल सकता है.

9. भाजपा सरकार बनाने के लिए राज्यपाल के सामने दावा कर सकती है लेकिन भाजपा के पास 40 विधायक कम है. ऐसे में भाजपा की तरफ से शिवसेना या दूसरे दल के विधायक तोड़ने का प्रयास करना होगा।