ममता बनर्जी को एक और झटका… लक्ष्मी रतन शुक्ला ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया

कोलकाता. ऑनलाइन टीम : पश्चिम बंगाल में  ममता बनर्जी को एक के बाद एक लगातार झटके लग रहे हैं। अब बंगाल सरकार में मंत्री रहे लक्ष्मी रतन शुक्ला ने  बंगाल के खेल राज्य मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। यही नहीं, उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के हावड़ा जिले के अध्यक्ष का पद भी छोड़ दिया है।

ममता बनर्जी इस बात पर खुद को दिलासा दिला सकती हैं कि उन्होंने अभी टीएमसी  विधायक बने रहने का फैसला किया है, लेकिन कहा जा रहा है कि उन्होंने राजनीति छोड़ने का मन बना लिया है। बता दें कि लक्ष्मी रतन शुक्ला भारत के लिए तीन वनडे खेल चुके हैं। इसके अलावा आईपीएल में भी वो कोलकाता नाइट राइडर्स, दिल्ली डेयरडेविल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के साथ खेल चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने राजनीति का रुख किया, बंगाल के हावड़ा उत्तर से विधायक बने। जिसके बाद ममता सरकार में उन्हें खेल और युवा मामलों के मंत्री का पद मिला।

दरअसल, पश्चिम बंगाल में मची यह राजनीतिक भगदड़ अनायास नहीं है। भाजपा की ताकत वहां लगातार बढ़ती जा रही है और तृणमूल का किला ढहता जा रहा है। टीएमसी का साथ छोड़ने वाले नेताओं का आरोप है कि जब से पार्टी में अभिषेक बनर्जी, प्रशांत किशोर का दबदबा बढ़ा है, पार्टी में सही से काम नहीं हो रहा है।  पिछले महीने मिदनापुर में अमित शाह की रैली में टीएमएस, कांग्रेस और सीपीआईएम के 72 नेता बीजेपी में शामिल हुए थे। इस रैली में तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे शुभेंदु अधिकारी भी अमित शाह के साथ मंच में दिखे और भाजपा का दामन थाम लिया था। इसके बाद उनके भाई सौमेन्दु अधिकारी भी बीजेपी में शामिल हो गए।  इनमें  शुभेंदु अधिकारी, तापसी मंडल, अशोक डिंडा, सुदीप मुखर्जी, सैकत पंजा, शीलभद्र दत्ता, दीपाली बिस्वास, शुक्र मुंडा, श्यामपदा मुखर्जी, विश्वजीत कुंडू और बंसारी मैती शामिल थे। इसके अलावा, पूर्व बर्द्धमान से टीएमसी सांसद सुनील मंडल और पूर्व सांसद दशरथ टिर्के भी बीजेपी में शामिल हुए थे।
अब खबर है कि पश्चिम बंगाल की चुनावी जंग में बीजेपी जनवरी में अपने अभियान को और तेज करने जा रही है।  बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा 9 और 10 जनवरी को राज्य के दौरे पर रहेंगे, जबकि गृह मंत्री अमित शाह 30 और 31 जनवरी को पश्चिम बंगाल जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल होंगे। इस दौरान और भी कई बड़े नेता भगवा धारण कर सकते हैं।