OMG: राजेश से सोनिया बना, अब पहचान की समस्या खड़ी हो गई : रेलवे अधिकारी कशमकश में

  रेलवे कर्मचारी ने बड़े अधिकारियो से लगाई सरकारी डाक्यूमेंट्स में अपनी पहचान बदलने की गुहार

समाचार ऑनलाइन- बरेली के रेलवे अधिकारीयों के सामने एक ऐसी उलझन पैदा हो गई है, जिसका कोई भी समाधान नहीं निकाल पा रहा है. उनके सामने एक ऐसा इन्सान आकर खड़ा हो गया है, जो कुछ समय पहले तक रेलवे में एक पुरुष के रूप में काम कर रहा था, लेकिन अब वह सेक्स चेंज करवा कर महिला के अवतार में आ गया है. सेक्स चेंज करवाया वहां तक सब कुछ ठीक था लेकिन अब अगले-पिछले डाक्यूमेंट्स के कारण उसकी पहचान की समस्या पैदा हो गई है. भीं दूसरी और रेलवे अधिकारी-कर्मचारी रेलवे में इस तरह का यह पहला मामला बता रहे हैं.

अधिकारी भी बेबस! यही सवाल करें तो क्या करें!

अब इस कर्मचारी के पुराने रेलवे रिकॉर्ड और पहचान उसे एक आदमी के रूप में दिखाते हैं जिससे उन्हें नई पहचान के साथ आधिकारिक काम करने में कठनाई का सामना करना पड़ रहा है. इस सबसे परेशान होकर उक्त कर्मचारी ने रेलवे अधिकारियों के सामने अनुरोध किया है कि उसका नाम सरकारी रिकार्ड्स में राजेश पांडे से बदलकर सोनिया पांडे किया जाए.

बता दें कि यह मामला बरेली का है. यहाँ एक आदमी मर्द से महिला बन गया है. पहले इनका नाम राजेश पांडे था, जो कि अब सोनिया पांडे हो गया है. राजेश ने साल 2017 सेक्स चेंज करने की सर्जरी करवाई थी.

उक्त मामले को लेकर सोनिया ने पूर्वोत्तर रेलवे महाप्रबंधक कार्यलय गौरखपुर के सामने भी गुहार लगाई है. लेकिन फिलहाल किसी को भी समझ में नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए. राजेश उर्फ सोनिया बरेली के इज्जत नगर में रेलवे तकनीशियन के रूप में कार्यरत है.

इस शरीर में मुझे घुटन होती थी

राजेश का कहना है कि शुरू से ही उसे लडकियों के तरह रहना, उनके जैसे बर्ताव करना, वैसे ही कपड़े पहनना पसंद था. लेकिन यह बात किसी को बता नहीं पाया था. मुझे अंदर ही अंदर इस शरीर में घुटन होती थी. इसलिए मैंने कड़े विरोध के बाद अपने असली रूप में आने का फैसला लिया. मैं आज इस रूप में खुश हूँ. बता दे कि अब सोनिया साड़ी पहन कर ऑफिस जाती है.

अकेला भाई था, अब बन गया बहन

गौरतलब है कि राजेश 4 बहनों के अकेला भाई है, लेकिन अब वह भी बहन की श्रेणी में आ गए हैं.  इतना ही नहीं उनकी शादी भी हों चुकी थी, लेकिन उन्होंने अपनी बीवी से अपनी हकीकत बताई , और दोनों राजी-ख़ुशी से अब अलग हों गए हैं. साल 2003 में उनके पिता की मृत्यु के बाद उनको रेलवे में जॉब मिली थी.