अरे बाप रे! चांद पर जाकर आने वालों में से कई के परिवार टूट गए, तो कोई मनोरोगी हो गए 

 

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाईन – चांद पर कदम रखकर `मानव संस्कृति के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में नाम दर्ज कराने के बाद पृथ्वी पर वापस आने पर कई शारीरिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ता है ।  इनमे से कुछ का परिवार टूट गया तो कई मनोरोगी हो गए।

चांद पर कदम रखने वाले सबसे युवा चार्ली  ड्यूक का परिवार का उनके साथ रहना कठिन हो गया है. वे आसमान और पृथ्वी के वातावरण में तालमेल नहीं बिठा पाए. उनका वैवाहिक जीवन खत्म होने की कगार पर है. जिनी सर्नन की शादी खत्म हो गई जबकि बज एल्ड्रिन शराब का सेवन करने की वजह से निराशा की गर्त में चले गए है ।  एलन बीन कलाकार बन गए और एड़ मिशेल ने अधयात्म का रास्ता चुन लिया। दर्शनशास्त्र के प्रति उनकी रूचि बढ़ गई ।    इन सबका मतलब ये है कि चांद पर कदम रखने वाले इन 12 लोगों का विचार, सुविधा और पसंद नापसंद बदल गया ।
चांद पर अमेरिका का जब यान दुर्घटनाग्रस्त हुआ
चांद के वातावरण और परिस्थिति की पूरी जानकारी हासिल करने के लिए नासा दवारा भेजे गए रोबॉट स्पेसशिप लैंडी (लूनर एटमॉस्फियर एंड ईस्ट इन्वायरमेंट एक्सप्लोरर ) चांद के सतह पर पहुंचने से पहले ही नष्ट हो गया. यह घटना अप्रैल 2014 की है।
लैंडी प्रोजेक्ट वैज्ञानिक रिक अल्फिक ने बताया कि जिस वक़्त यह स्पेसशिप नष्ट हुई उस वक़्त उसकी गति करीब प्रति घंटा 5,800 किमी थी ।   यह गति रायफल बुलेट की गति से तीन गुनी अधिक है।
ईंधन खत्म होने से लैंडी चांद के कक्ष तक पहुंचने में असफल रही.यह स्पेसशिप नष्ट हो गई. इसके नष्ट होने से नासा के कार्यकर्म को बड़ा झटका लगा है।    यह स्पेसशिप सितम्बर 2013 वर्जीनिया से प्रक्षेपित किया गया था।
चांद की पृथ्वी पर ली थी ट्रेनिंग 
20 जुलाई 1969 को अमेरिकन अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग ने अपोलो-11 से बाहर होकर चांद पर पहला कदम रखा था ।   इस सफलता के पीछे आइसलैंड में ली गई ट्रेनिंग की महत्वपूर्ण भूमिका रही ।   अंतरिक्ष पर ऐसी जगह पर ट्रेनिंग दी जाती है जहां इसकी पृष्टभूमि चांद  की भूतल से मिलता जुलता है, पूरा रिसर्च करने के बाद आइसलैंड में मासेमार का एक छोटा गांव हुसाविक का चयन किया गया ।
लोगों की बस्ती बसाने की योजना 
अमरीका 2028 तक चांद पर अपना एक स्थाई केंद्र स्थापित करने का इच्छुक है ।  इसके पीछे चांद पर बड़ा उधोग की क्षमता निर्माण करना है ।  चीन और अमरीका दोनों देश चांद पर लोगों की बस्ती बसाने और उधोग शुरू करने का इच्छुक है ।