चाणक्य की मानें, मूर्ख से दूर ही रहें  

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : महाभारत और चाणक्य नीति में दुनिया के भांति-भांति की चर्चा की गई हैं। यदि आप लोगों की पहचान करना सीखेंगे नहीं तो धोखे खाते रहेंगे। कुछ आपकी जिंदगी में आकर तूफान खड़ा कर देते हैं, तो कुछ आपकी जिंदगी को फिर से संवार देते हैं। ऐसे भी होते हैं कि कुछ आपका सब कुछ लूटकर चले जाते हैं।   आजकल फेसबुक और वॉट्सअप पर ऐसे लाखों मूर्ख मिल जाएंगे हैं, जो अपनी और अपनों की जिंदगी को जगजाहिर करने में लगे हैं। वे अपने जहरीले विचारों से अवगत कराते रहते हैं। मूर्खों की कोई निश्चित विचारधारा नहीं होती। यदि आप मूर्ख नहीं हैं तो आप मूर्खों से दूर रहेंगे तो लाभ में रहेंगे, अन्यथा आपकी गिनती भी मूर्खों में होगी।

और यदि आप उसका विरोध करेंगे तो खुद भी मूर्ख साबित हो जाएंगे। आचार्य चाणक्य ने व्यक्ति के दैनिक और सामाजिक जीवन से जुड़े कई तथ्यों पर गहनता से अध्ययन करके सफल जीवन के सुझाव दिए हैं।

– मूर्ख व्यक्ति से दूर रहना चाहिए। मूर्ख व्यक्ति किसी उपदेश या ज्ञान को नहीं समझता, इसलिए ऐसे लोगों के साथ समय व्यर्थ करना ठीक नहीं है। मूर्ख या बुद्धिहीन व्यक्ति को समझाने में मानसिक तनाव झेलना पड़ सकता है, इसलिए ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए।

– जिस व्यक्ति का चरित्र ठीक न हो उसके करीब नहीं जाना चाहिए, क्योंकि चरित्रहीन लोगों की मदद करने पर खुद के नुकसान की ज्यादा आशंका रहती है। साथ ही चरित्रहीन व्यक्ति का साथ देने पर समाज में भी अपमान का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए चरित्रहीन लोगों से दूर रहना ही समझदारी है।

– जो लोग भगवान के दिए जीवन और सुखों से संतुष्ट नहीं होते वो हमेशा दुखी रहते हैं। ऐसे लोग किसी भी काम में मदद मिलने से सुतंष्टि महसूस नहीं करते और दूसरों के सुखी जीवन से ईष्या रखते हैं। चाणक्य के मुताबिक ऐसे लोगों से हमेशा दूरी बना कर रखनी चाहिए।