अब सप्ताह में 4 दिन काम और 3 दिन छुट्टी? केंद्रीय श्रम मंत्री ने लिखित में दिया जवाब…

बीते कई दिनो से नौकरीपेशा लोगों के बीच सप्ताह में 4 दिन काम और 3 दिन छुट्टी को लेकर चर्चा हो रही थी। कहा जा रहा था कि केंद्र सरकार इस नई व्यवस्था के लिए योजना बना रही है। यह भी चर्चा थी कि सप्ताह में 4 दिन काम होने पर कंपनियों को कर्मचारियों से ज्यादा घंटे काम कराने की छूट दी जा सकती है। अब केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने इन चर्चाओं पर अपना जवाब दिया है। इन चर्चाओं पर पूर्ण विराम लगाते हुए गंगवार कहा है कि सरकारी कर्यालयो में ऐसी व्यवस्था के लिए अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं है।

केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने लोकसभा में पूछे गए एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए इसे स्पष्ट किया है। कार्यालय में सप्ताह में चार दिन या 40 घंटे की कार्य व्यवस्था शुरू करने की केंद्र की कोई योजना नहीं है। श्रम मंत्री द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार चौथे वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर सप्ताह में पांच दिन और भारत सरकार के नागरिक प्रशासनिक कार्यालयों में प्रतिदिन साढ़े 8 घंटे काम किया जाता है. सातवें वेतन आयोग में भी अपनी सिफारिश में इसे बनाए रखा है।

 

नए श्रम कानून के अनुसार आने वाले दिनो में सप्ताह में तीन छुट्टी का प्रावधान किया जा सकता है, इस बारे में कुछ दिन पहले तक बहुत चर्चा थी। केंद्र सरकार सप्ताह में चार दिन काम व तीन दिन छुट्टी का विकल्प देने की तैयारी कर रही है। इस विकल्प को नए श्रम संहिता के नियमों में रखा जाएगा। जिस पर कमप्नी और कर्मचारी आपसी सहमति से निर्णय ले सकते हैं। ऐसा भी कहा जा रहा था कि नए नियमों के अनुसार सरकारी कामकाज का समय 12 घंटे तक बढ़ सकता है। हालांकि अब श्रम मंत्री ने इसका जवाब दिया है।

बच्चो की शिक्षा से लेकर शादी तक का खर्च उठाएगी सरकार, जने कैसे

श्रमिकों के लिए सरकार कई योजनाएं चलाती है। हालांकि कई योजनाओं का लाभ उन्हें नहीं मिल पाता है। कुछ योजनाएं ऐसी होती है जो श्रमिकों के लिए बहुत लाभदायक होती है। ऐसी ही एक योजना उत्तर प्रदेश सरकार ने शुरू की है। इन योजनाओं का लाभ उचित लाभार्थियों तक पहुंचे, इसके लिए सबसे पहले पंजीकरण किया जाता है। पंजीकरण के तहत मजदूर कार्ड बनाया जाता है और सुविधाओं का लाभ दिया जाता है। इस कार्ड के जरिये राज्य सरकार अपने श्रमिकों को कई तरह की आर्थिक सहायता देती है।

पंजीकरण और मजदूर कार्ड बनाने के लिए कुछ योग्यताएं हैं। इसमें आवेदन करने वाले व्यक्ति की उम्र 18 से 60 साल तक होनी चाहिए। यह कार्ड बनवाने की सुविधा सिर्फ गरीब मजदूर वर्ग के परिवारों को दी जाती है। श्रमिकों के बच्चों को पढ़ाई के लिए भी आर्थिक मदद दी जाती है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है। राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट http://www.uplabour.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं।