नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन- सुप्रीम कोर्ट ने आज महिलाओं के सेना में स्थाई कमीशन को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट (HC) के फैसले को बरकरार रखते हुए महिला अधिकारियों को सेना में स्थाई कमीशन देने पर ‘मुहर’ लगा दी है. साथ ही सरकार को फटकार लगाते हुए, अपनी मानसिकता बदलने को कहा है.
आगे सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिलाओं के साथ किसी तरह का पक्षपात नहीं होना चाहिए. महिलाओं को भी अब पुरुषों की तरह सारे अधिकार मिलने चाहिए.
सरकार महिलाओं को क्यों नहीं देना चाहती स्थाई कमिशन…
बता दें कि हाई कोर्ट ने महिला अधिकारियों को सेना में स्थाई कमीशन देने का निर्णय सुनाया था. लेकिन सरकार ने HC के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी. केंद्र सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि महिलाओं को कमांड पोस्टिंग देना संभव नहीं है. क्योंकि उनका दुश्मन देश फायदा उठा सकते हैं. साथ ही सेना के यूनिट में अधिकतर जवान ऐसी पृष्टभूमि से आते हैं, जिन पर महिला ऑफिसर को कमांड करने में दिक्कत हो सकती है.
SC ने कहा…
हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के इस तर्क को सिरे से ख़ारिज कर दिया है. साथ ही HC के फैसले के अनुसार सेना में महिलाओं को स्थाई कमीशन देने का महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है.
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 3 महीने के दौरान इस फैसले को लागू करने का आदेश दिया है. सर्वोच्च कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा है कि जिन महिला ऑफिसर ने अपनी 14 साल की सर्विस पूरी कर ली हैं, उन्हें 20 साल तक सेना में सेवा करने की मंजूरी. साथ ही 20 साल की नौकरी के पश्चात् पेंशन भी दी जाए.