अब डूबा 17,652 करोड़ का कर्ज, शुरू हुई एक योजना के बर्बादी की कहानी

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाईन – लगातार कर्ज के डूबने से तबाद देश एक और योजना के तहत दिए गए पैसे के डूबने से कराहना शुरू कर चुका है। बताया जा रहा है कि मुद्रा लोन के तहत दिए गए 17652 करोड़ रुपए गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) बन चुके हैं या दूसरे शब्दों में यह कह सकते हैं कि 17652 रुपए की वसूली अब आसान नहीं होगी। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस साल 31 मार्च तक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 8,93,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि बतौर कर्ज दी गई। इनमें से 2 फीसदी राशि यानी कि 17651।74 करोड़ रुपए एनपीए हो चुके हैं। वित्त मंत्रालय की तरफ से दिए गए बयान के मुताबिक मुद्रा लोन के तहत शिशु श्रेणी के अंतर्गत पहली बार उधार लेने वालों के द्वारा आकस्मिक आवश्यकताओं को प्राथमिकता देना, कारोबार में असफलता, उधार वापस करने में अक्षमता, खराब ऋण मूल्यांकन उधार लेने वालों के द्वारा जानबूझ कर चूक एवं कारोबार में मंदी जैसे कारणों की वजह से एनपीए में बढ़ोतरी हुई। बैंक अधिकारियों ने मनी भास्कर को बताया कि सरकार की तरफ से मुद्रा योजना के तहत डूबे हुए लोन की प्राप्ति के लिए क्रेडिट गारंटी फंड बनाया गया है। लेकिन इस फंड से डूबे हुए लोन की 75 फीसदी राशि की प्राप्ति का प्रावधान है।

मुद्रा योजना में तीन स्कीम है

बैंकों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुद्रा योजना में तीन स्कीम है। शिशु, जिसके तहत 50,000 रुपये के लोन दिए जाते हैं, किशोर, जिसके तहत 50,000 से 5 लाख रुपये के लोन दिए जाते हैं और तरुण, जिसके तहत 5 लाख से 10 लाख रुपये के लोन मिलते हैं। मुद्रा स्कीम के तहत सबसे लोकप्रिय लोन शिशु लोन है। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान शिशु स्कीम के तहत 62,894 करोड़ रुपये बांटे गए। वित्त वर्ष 2016-17 में इस स्कीम के तहत 83,891 करोड़ रुपये लोन के रूप में दिए गए।

बैंकों के अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि शिशु लोन की रिकवरी बिल्कुल नहीं हो पा रही है। गांव में जाने पर लोन लेने वाले उन्हें यह कह कर भगा देते हैं कि सरकार ने उन्हें यह लोन दिया है, वे सरकार को लौटा देंगे। बैंक अधिकारियों ने बताया कि 50,000 रुपये लोन लेने वालों का वे कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते हैं। मुद्रा लोन के तहत कुछ भी मोरगेज नहीं रखा जाता है। लोन नहीं देने वाले के घर को बैंक नीलाम नहीं कर सकता है। 50,000 रुपये लोन लेने वालों को सिर्फ अपना आधार नंबर व पैन नंबर देने की जरूरत होती है। इस आधार पर ही उन्हें यह लोन मिल जाता है।

क्रेडिट गारंटी फंड
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के चेयरमैन एस। सिसोदिया के मुताबिक सरकार ने क्रेडिट गारंटी फंड का गठन तो कर दिया, लेकिन इस फंड में भी तो टैक्सपेयर का पैसा ही होगा। उन्होंने बताया कि जिस पैसे का इस्तेमाल पब्लिक वेलफेयर स्कीम के लिए होना चाहिए, उसका इस्तेमाल डूबे लोन को निकालने में किया जाएगा। मुद्रा योजना के तहत लोन लेने वालों को लोन चुकाने के लिए 3-5 साल का समय दिया जाता है। अभी इस लोन की ब्याज दर 10।9 फीसदी है।