अब चीन की सीमा के नजदीक होगा हमारा एडवांस लैंडिंग ग्राउंड, जमीन का सर्वे कर रही सरकार

शिमला. ऑनलाइन टीम  : चीन के साथ लगातार बढ़ती तनातनी और हिमाचल से लगती 240 किलोमीटर लंबी सीमा पर चीनी सेना की गतिविधियों को देखते हुए अब लाहौल-स्पीति जिले में एडवांस लैंडिंग ग्राउंड तैयार होंगे।

जिला, लाहौल और स्पीति जिले की दो इकाइयों में अलग ऐतिहासिक पृष्ठभूमि रही है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, जिले में दो अलग-अलग पहाड़ी इलाकों, एक लाहौल और स्पीति के रूप में जाना जाता है। इसलिए जिले का नाम इन दोनों भागों के निर्माण के साथ एक राजस्व जिले में किया गया।  लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिले की करीब 240 किलोमीटर से ज्यादा लंबी सीमा चीन के साथ लगती है। लद्दाख के गलवां में चीन के साथ हुई भारतीय सेना की भिड़ंत के बाद चीन की एयरफोर्स ने लाहौल-स्पीति के समदो में आठ किलोमीटर अंदर तक उड़ान भरने का दुस्साहस किया था। अब यहां तक चीन की धमक को देखते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने अहम फैसला लिया है। दरअसल, इस घटना के बाद हिमाचल के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने इन सुदूरवर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए डीजीपी संजय कुंडू को पुलिस अधिकारियों की एक टीम भेजने को कहा था।

इसके बाद छह आईपीएस अधिकारियों की टीम सीमा से सटे अलग-अलग इलाकों में भेजी गई, जिन्होंने स्थानीय लोगों, खुफिया एजेंसियों और जिला प्रशासन से फीडबैक लेकर एक प्रस्तुति राज्यपाल को राजभवन में दी। इसी में बताया गया कि एडवांस पोस्ट के इलाकों में किसी आपात स्थिति में सेना के उतरने के लिए व्यवस्था तक नहीं थी और स्थानीय लोग भी इससे चिंतित थे।

अब लैंडिंग ग्राउंड के लिए हिमाचल सरकार से जमीन तलाशने को कहा गया है। जमीन चिह्नित होने के बाद रक्षा मंत्रालय उनका सर्वे कर उपयुक्त स्थानों पर लैंडिंग ग्राउंड तैयार करेगा। बताया जा रहा है कि जहां सामान्य समय में नागरिक उड्डयन, वहीं युद्ध जैसे हालात में सेना इसका उपयोग कर सकेगी।