अब गरीबों का गेहूं भी पिसवाएगी केजरीवाल सरकार,  अगले महीने से घर पर ही राशन मिलेगा

नई दिल्ली . ऑनलाइन टीम : राजधानी दिल्ली के 17 लाख गरीबों के लिए खुशखबर है। मार्च से उन्हें गेहूं के बदले आटा एवं चावल का पैकेट मिलेगा। दरअसल, वहां  ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’ की अधिसूचना जारी हो गई है। इस योजना की सबसे बड़ी बात यह है कि गेहूं की पिसाई का खर्चा भी दिल्ली सरकार उठाएगी। इसके लिए सभी विधानसभा क्षेत्रों में आटा चक्कियों को चिह्नित किया जाएगा, जहां से लोग पर्ची दिखाकर पिसा हुआ आटा ले सकेंगे।

बता दें कि कोरोना संकट के इस दौर में दिल्ली के गरीबों को आसानी से राशन उपलब्ध कराने के लिए  दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना शुरू करने का फैसला लिया है।

योजना शुरू करते हुए तब मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा था कि जब से देश में राशन बंटना शुरू हुआ, तब से ही गरीब लोगों को जन वितरण प्रणाली का राशन लेने में बहुत दिक्कत आ रही है। कभी दुकान बंद मिलती है तो कभी अनाज में मिलावट की शिकायत आती है। इसके साथ ही कभी राशन दुकानदार उसके लिए अधिक पैसे ले लेते हैं। इसे देखते हुए हमने अलग निर्णय लिया है। राशन बांटने की व्यवस्था में बहुत सुधार किए हैं। राजधानी दिल्ली की करीब दो हजार उचित दर दुकानों द्वारा 17 लाख लोगों को चावल, गेहूं व चीनी जैसे सामान मुहैया कराए जाते हैं। चावल व गेहूं को फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआइ) से लिया जाता है। चीनी की आपूर्ति खरीदकर की जाती है।

लेकिन अब गरीबों को उचित दर दुकानों तक नहीं जाना पड़ेगा। राशन की दुकानों पर राशन पहुंचने पर लोगों को एसएमएस के जरिये सूचना पहुंचेगी, जिससे उन्हें पता चल सकेगा कि उनके इलाके की दुकान पर सस्ता राशन पहुंच चुका है। जिन लोगों ने राशन की डोर स्टेप डिलीवरी के लिए आवेदन किया होगा, उन्हें भी एसएमएस के जरिये सूचित किया जाएगा कि किस तारीख तक राशन उनके घर पर पहुंचेगा।

चावल और चीनी के पैकेट पर इसके तैयार होने की तिथि व एक्सपायरी तिथि भी दी जाएगी, लेकिन राशन लेने के लिए राशनकार्ड धारकों को बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन करवाना अनिवार्य होगा। राशन की सटीक डिलीवरी के लिए सरकार की ओर से सभी राशन की दुकानों पर ईपीओएस मशीनें लगाना भी अनिवार्य कर दिया गया है।