अब सभागृह में राजदंड को छू भी नहीं सकेंगे नगरसेवक

पिंपरी। सँवाददाता – सभागृह में विरोध की अपनी एक अलग परंपरा रही है जिसमें राजदंड छीनने की एक परंपरा शामिल है। पिछली सर्वसाधारण सभा में विपक्षी दलों के नगरसेवकों द्वारा महापौर के आसन के समक्ष रखे जानेवाले राजदंड छीन लिए जाने से सभा स्थगित करने की नौबत आयी थी। इसे ध्यान में लेकर पिंपरी चिंचवड़ मनपा के सत्तादल भाजपा ने महापौर के समक्ष के हौद की रचना ही बदल डाली है। यह रचना कुछ इस प्रकार से की गई है कि कोई नगरसवेक राजदंड को छू भी नहीं सकेगा। विपक्षी दलों ने इसे विरोध करने के संसदीय आयुधों एवं अधिकारों का हनन करार दिया है। साथ ही सत्तादल पर विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश का आरोप लगाया है।
सभागृह में अनुभवी, वरिष्ठ और पुराने सदस्यों में शुमार उषा ढोरे के महापौर पद पर आसीन होने के बाद से सभागृह में लगातार हंगामा हो रहा है। उनकी अध्यक्षता की पहली ही सर्वसाधारण सभा स्थगित करने की नौबत आई थी। इसके बाद की सभा भी हंगामेदार साबित हुई। सभागृह में लगातार हो रहे हंगामे दो साल की दूरी पर रहे मनपा के आम चुनाव के लिहाज से भाजपा के लिए ठीक नहीं है। उसी में भाजपा नगरसेवकों के आपसी मतभेद भी लगातार सामने आ रहे हैं। खासकर उपसुझावों की आड़ में चंद नेताओं की जारी मनमानी से सत्तादल के नगरसेवक दो धड़े में बंट गए हैं। इसे गंभीरता से लेकर पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कोई उपसुझाव न पेश करने को लेकर पदाधिकारियों को हिदायत दी है। नतीजन सत्तादल के नगरसेवकों में बेचैनी बढ़ गई है। इसी बेचैनी के चलते मनमानी की जा रही है।
गत माह 6 जनवरी को दिसंबर माह की स्थगित सर्वसाधारण सभा में हंगामे के दौरान शिवसेना गुटनेता राहुल कलाटे ने महापौर के सामने का  राजदंड छीन लिया था, इस हंगामे के चलते सभा स्थगित करने की नौबत आई थी। इसे ध्यान में लेकर सत्तादल भाजपा ने महापौर के हौद के सामने के फर्नीचर की पूरी रचना ही बदल डाली। यह रचना ऐसी की गई है कि कोई भी नगरसेवक राजदंड को छू भी नहीं सकेगा। इस फैसले की विपक्षी दलों ने कड़ी निंदा की है। शिवसेना गुटनेता राहुल कलाटे ने कहा कि, सभागृह में अपना विरोध जताने के लिए जो संसदीय आयुध इस्तेमाल किये जाते हैं उसमें राजदंड उठाना भी शामिल है। मगर भाजपा द्वारा सत्ता के दम पर संसदीय आयुधों के इस्तेमाल और अधिकारों का हनन किया जा रहा है। महापौर को आगे कर भाजपा विधायकों द्वारा विपक्षी दलों का आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है। शहर के साथ सभागृह में भी भाजपा की दादागिरी बढ़ गई है। इस बारे में पूछने पर महापौर उषा ढोरे ने कहा कि राजदंड चमकना चाहिए, अच्छा दिखना चाहिए इसलिए यह फेरबदल किया गया है। विपक्षी दलों का तो काम ही आरोप लगाना है, यह भी उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा।