अनिल देशमुख से पूछताछ के लिए राज्य सरकार से अनुमति की जरूरत नहीं : CBI

मुंबई : ऑनलाइन टीम – भ्रष्टाचार मामले में सीबीआय द्वारा दर्ज की गयी अपराध रद्द करने की याचिका पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने दी थी। इस पर सीबीआई ने देशमुख की याचिका को रद्द करने की मांग उच्च न्यायालयाल से की है। अनिल देशमुख पर लगे भ्रष्टाचार आरोप की जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति की जरुरत नहीं, ऐसी जानकारी उच्च न्यायालयाल ने दी है।

अनिल देशमुख के भ्रष्टाचार की जांच के लिए हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं। सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने सीबीआई को देशमुख की प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया और इस जांच के आधार पर सीबीआई ने अप्रैल में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया, सीबीआई ने पिछले सप्ताह उच्च न्यायालय में दायर एक हलफनामे में कहा।

सीबीआई के मुताबिक, देशमुख ने याचिका दायर कर कानून के दुरुपयोग की मांग की थी। सीबीआई ने अपने हलफनामे में कहा कि देशमुख की याचिका को बिना किसी राहत के खारिज कर दिया जाना चाहिए और प्रारंभिक जांच के बावजूद यह इस समय एक मील का पत्थर है। इसलिए, जब मुझ पर आरोप लगाया गया, मैं एक सरकारी कर्मचारी था। इसलिए सीबीआई को मेरे खिलाफ कार्रवाई करने से पहले राज्य सरकार की अनुमति चाहिए। हालांकि, सीबीआई ने ऐसा नहीं किया, देशमुख ने अपने याचिका में कहा।

18 जून को होगी सुनवाई?

सीबीआई ने देशमुख के बयान का खंडन किया। हलफनामे में कहा गया है कि मामले में राज्य सरकार की मंजूरी की जरूरत नहीं है। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने देशमुख के भ्रष्टाचार और कदाचार को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था। सीबीआई ने यह भी स्पष्ट किया कि पत्र से यह स्पष्ट है कि एक संज्ञेय अपराध हुआ था। देशमुख की याचिका पर 18 जून को सुनवाई होने की संभावना है।