पटना : समाचार ऑनलाइन – पुरे देश में जिस तरह गुजरात मॉडल फेमस है वैसे ही बिहार में शराबबंदी की चर्चा हर तरफ होती है। हर कोई इसे एक अच्छा कदम बताते है। हालांकि कइयों का कहना है कि बिहार में वाकई शराबबंदी लागू नहीं है और चोरी-छिपे इसे दूसरे राज्यों से लाकर बेचा जा रहा है। हालही में कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथी रहे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी मंगलवार को यह मुद्दा उठाया था।
Gupteshwar Pandey,DGP Bihar: Every constable&commissioner knows who sells/drinks liquor in their area.If a commissioner doesn't know,then he's not worthy of holding the charge.Bina thana ke jankari ke patta bhi nahi hil sakta,koi mai ka laal ek bottle daaru nahi bech sakta (15.2) pic.twitter.com/5TsrhfSbSR
— ANI (@ANI) February 18, 2020
शराबबंदी को लेकर उठ रहे इन सवालों के बीच अब बिहार के पुलिस महानिदेशक ने दो टूक कहा है कि अगर कोई ऐसा कर रहा है तो इसकी जानकारी पुलिस को जरूर होती है। बिहार के औरंगाबाद में उन्होंने कहा कि शराबबंदी में पुलिसकर्मियों की बहुत बड़ी भूमिका है और उनकी जानकारी के बगैर कोई भी इसे नहीं बेच सकता। उन्होंने कहा, ‘हर कांस्टेबल और कमीश्नर को पता होता है कि उनके इलाके में कौन शराब बेचता या पीता है। अगर कोई कमीश्नर यह नहीं जानता तो उसके प्रभारी होने का कोई अर्थ नहीं है। बिना थाना की जानकारी के पत्ता भी नहीं हिल सकता, कोई माई का लाल एक बोतल दारू नहीं बेच सकता।’
इससे पहले डीजीपी ने शनिवार को औरंगाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान शराब बेचने वाले पुलिसकर्मियों को आगाह किया था। डीजपी की इस टिप्पणी के बाद बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह ने भी कहा कि कुछ पुलिसकर्मी ऐसा करते हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है।