जनगणना कानून के तहत आबादी पंजीयन पर आपत्ति नहीं

पिंपरी। सँवाददाता – सीएए, एनपीआर, एनआरसी के विरोध में कुल जमाअती तंजीम पिंपरी चिंचवड शहर की ओर से पिंपरी चौक में रविवार की देर शाम संविधान बचाओ परिषद का आयोजन किया गया था। संविधान बचाओ समिति में 42 संगठन शामिल हैं जो पिंपरी चिंचवड शहर में कार्यरत है। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक के पास के मैदान में हुई संविधान बचाओ परिषद में इंडियन पर्सनल लॉ बोर्ड के खलीलुर्रहमान सज्जाद नेमानी ने जनगणना कानून के तहत राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीयन (एनपीआर) करने पर हमारी कोई आपत्ति नहीं है। अब तक इसी कानून के अनुसार राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीयन की गई। इस बार मात्र सुधारित नागरिकता कानून (सीएए) के अनुसार एनपीआर किया जा रहा है, इस पर हमारी कड़ी आपत्ति है।
उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि,  देश के कई नागरिक ऐसे हैं जिनके पास कोई कागजात नहीं है। जो कागजात पेश नहीं करेंगे उनके खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी और वे अपने ही देश में अवैध रूप से रह रहे हैं, ऐसा घोषित कर देगी। सीएए, एनपीआर, एनआरसी के अलावा सरकार के पास करने योग्य काफी काम है। उन्हें छोड़ सरकार इसके पीछे क्यों पड़ी है? यह समझ के परे है। इसके लिए सभी समुदायों को एकजुट होना होगा। मोहल्ला कमिटी बनाकर एनपीआर का विरोध करें। जो लोग एनपीआर के लिए आएंगे उन्हें जानकारी देने से मना कर दीजिए मगर उनके साथ सौजन्य से पेश आएं। संविधान का सम्मान और कानून के दायरे में रहकर अपना विरोध प्रकट करें। महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहू महाराज, संत तुकाराम महाराज का राज्य है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने कभी किसी के साथ नाइंसाफी नहीं की न होने दी। मगर अब उन्हीं के राज्य में लोगों के साथ नाइंसाफी की जा रही है।
भूतपूर्व सांसद उबेदुल्लाह खान आजमी ने कहा, भारत पर अंग्रेजों की हुकूमत के दौरान से आजादी हासिल करने के लिए हिंदू, मुस्लिम, सिख, जैन आरव सर्व धर्मियों ने एकजुट होकर लड़ाई लड़ी। आज़ादी के पहले समर से आजादी मिलने तक सर्व धर्मियों ने अपने प्राणों की आहुति दी। देश के हर मुसलमान में अपनी मातृभूमि के प्रति आदर है। अब मुस्लिमों को देश से बाहर निकालने की बात की जा रही है। भारतीय संविधान भारत का अभिमान है। यह देश विविधताओं से सजा हुआ है। संविधान ने एकता का सबक दिया है, आचार, विचार, धार्मिक आजादी दी। अब उसी संविधान पर आंच आ रही है। इसके खिलाफ सर्वधर्मियों को एकजुट होना होगा। बहरहाल दिल्ली हिंसाचार की पृष्ठभूमि पर यहां कोई अनुचित प्रकार न हो इसके लिए पिंपरी चिंचवड़ पुलिस ने तगड़ा बंदोबस्त रखा था। सुरक्षा के लिहाज से 28 अधिकारी और 228 पुलिस कर्मचारियों को तैनात किया गया था।