Nitin Landge Bribe Case | अंततः स्थायी समिति सभापति एड नितिन लांडगे की जमानत मंजूर

पिंपरी (Pimpri News), संवाददाता। रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार (Arrest) पिंपरी चिंचवड़ मनपा (Pimpri Chinchwad Municipal Corporation) स्थायी समिति सभापति एड नितिन लांडगे (Nitin Landge Bribe Case) को आखिरकार जमानत (Bail) मंजूर मिल गई। उनके साथ उनके पीए और अन्य कर्मचारियों को भी सशर्त जमानत मंजूर की गई है। शुक्रवार को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद विशेष अदालत (Court) ने सोमवार तक फैसला सुरक्षित रखा था। आज पांचों को 25 हजार रुपए के निजी मुचलके पर और हर माह के पहले और तीसरे सोमवार को पुलिस थाने में हाजिर रहने एवं जमानत मिलने के बाद शिकायतकर्ता (Nitin Landge Bribe Case) व मामले से जुड़े गवाहों से संपर्क न करने व जांच को प्रभावित न करने की शर्त पर जमानत दी गई। अब रिश्वतखोरी Bribery) के इस पूरे रैकेट में स्थायी समिति के अन्य 15 सदस्य और अन्य कर्मचारियों की जांच की ओर निगाहें गड़ गई हैं।
18 अगस्त को एसीबी ने 1 लाख 18 हजार रुपये की रिश्वत (Bribe) लेने के मामले में स्थायी समिति सभापति एड नितिन ज्ञानेश्वर लांडगे, उनके पीए और मनपा के मुख्य लिपिक ज्ञानेश्वर किसनराव पिंगले (56, निवासी गव्हाणेबस्ती, भोसरी, पुणे), लिपिक विजय शंभुलाल चावरिया (38, निवासी धर्मराजनगर, चिखली, पुणे), कम्प्यूटर ऑपरेटर राजेंद्र जयवंतराव शिंदे (51, निवासी जय मल्हारनगर , थेरगांव, पुणे) और चपरासी अरविंद भीमराव कांबले (50, निवासी भीमनगर, पिंपरीगांव, पुणे) को गिरफ्तार किया है। दो बार पुलिस कस्टडी (police custody) में भेजने के बाद सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। एड लांडगे को 26 अगस्त तक अस्थायी जमानत मंजूर की गई थी। बाद में यह जमानत गलत जानकारी देकर हासिल किये जाने की बात सामने आई है।

लांडगे ने अपनी नानी की मौत का हवाला देकर उसके अंतिम संस्कार के लिए जमानत मांगी थी। जबकि मौत उनके पिता की मौसी की हुई थी। इसके चलते अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। जमानत अर्जी (bail application) पर शुक्रवार हुई सुनवाई में दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने जमानत याचिका पर फैसले को सोमवार तक टाल दिया था। आज अदालत ने एड लांडगे समेत सभी आरोपियों को सशर्त जमानत मंजूर की है।
एसीबी (ACB) से शिकायत करने वाले ठेकेदार ने मनपा के आकाशचिन्ह अनुज्ञप्ति विभाग द्वारा जारी की गई होर्डिंग्स लगाने की टेंडर प्रकिया में हिस्सा लिया था। उसने 28 टेंडर सबसे कम दर में भरे। टेंडर मंजूरी के बाद भी उसे वर्क ऑर्डर नहीं मिलने से ठेकेदार ने स्थायी समिति सभापति नितिन लांडगे (Nitin Landge) और उनके पीए ज्ञानेश्वर पिंगले (Dnyaneshwar Pingle) से मुलाकात की। वर्क ऑर्डर के करारनामा पर हस्ताक्षर करने के लिए 10 लाख रुपए मांगी गई। बाद में बात छह लाख रुपए पर तय हुई। इसमें से एक लाख 18 हजार रुपए स्वीकरते हुए उक्त कर्मचारियों को एसीबी की टीम ने रंगेहाथ पकड़ लिया। इसमें स्थायी समिति सभापति नितिन लांडगे (Standing Committee Chairman Nitin Landge) की सहभागिता पाए जाने से उनके साथ उक्त कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार प्रतिबंधक अधिनियम (Corruption Prohibition Act) की धारा 7, 7 ए, 12 के तहत मामला दर्ज किया गया।

लांडगे के पीए ज्ञानेश्वर पिंगले ने ठेकेदार से कहा था कमीशन के पैसे ऊपर 16 सदस्यों को देने होते है। सभापति लांडगे ने तीन की बजाय दो टका कमीशन पर बात खत्म करने की बात की भी ऑडियो रिकॉर्डिंग रहने से समिति सदस्यों व अन्य कर्मचारियों की जांच करने की बात को एसीबी (ACB) ने अदालत में बार- बार दोहराई है। अब सभापति और उनके पीए समेत सभी आरोपियों को जमानत मिलने के बाद स्थायी समिति के अन्य सदस्यों व कर्मचारियों की जांच की ओर सभी की नजरें गड़ी हुई हैं।

 

 

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