निर्भया गैंग रेप : दोषियों के पास अब भी फांसी के फंदे से बचने का ‘ये’ हैं विकल्प?

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन –दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप के सभी चार दोषियों को फांसी की सजा का रास्ता साफ कर दिया है। कोर्ट ने सभी चार दोषियों पवन गुप्ता, मुकेश शिंह, अक्षय ठाकुर और विनय शर्मा को 22 जनवरी को फांसी पर लटकाने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने चारों दोषियों के लिए डेथ वारंट जारी कर दिया है। 22 जनवरी की सुबह सात बजे दोषियों को फांसी पर दी जाएगी।

कानूनी जानकारों के मुताबिक, इस मामले में व्यावहारिक तौर पर अब क्यूरेटिव पिटिशन का रास्ता बंद हो गया है पर निर्भया के चारों गुनहगार दया की अर्जी यानी मर्सी पिटिशन दाखिल कर सकते हैं। संसद पर हमले के दोषी मोहम्मद अफजल के मामले में भी डेथ वॉरंट जारी होने के बाद मर्सी पिटिशन दाखिल की गई थी। इसके बाद डेथ वॉरंट के तामील पर रोक लगा दी गई थी। दया याचिका का निपटारा राष्ट्रपति कितने दिनों में करेंगे इसके लिए कोई तय अवधि नहीं है।

दूसरे मामले में अफजल गुरु को 20 अक्टूबर 2006 को फांसी दी जानी थी लेकिन अफजल की पत्नी की दया याचिका के बाद उसकी फांसी रोक दी गई थी। फिर 3 फरवरी 2013 को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अफजल गुरु की दया याचिका ठुकराई और  9 फरवरी 2013 को तिहाड़ जेल में अफजल गुरु को फांसी दी गई थी। हालांकि ये हमे नहीं भूलना चाहिए कि निर्भया के चारों गुनहगारों का डेथ वॉरंट जारी हो चुका है ऐसे में अगर इन लोगों ने दया याचिका दायर नहीं की तो उनको फांसी पर चढ़ाया जाना तय है।