निर्भया गैंग रेप : फांसी से कुछ घंटे पहले निर्भया के दोषियों को पूछी जाएगी अंतिम इच्छा

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन –दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप के सभी चार दोषियों को फांसी की सजा का रास्ता साफ कर दिया है। कोर्ट ने सभी चार दोषियों पवन गुप्ता, मुकेश शिंह, अक्षय ठाकुर और विनय शर्मा को 22 जनवरी को फांसी पर लटकाने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने चारों दोषियों के लिए डेथ वारंट जारी कर दिया है। 22 जनवरी की सुबह सात बजे दोषियों को फांसी पर दी जाएगी।

जेल मैनुअल के मुताबिक सुबह सूर्योदय के बाद ही फांसी देने का रिवाज है। आमतौर पर गर्मियों में सुबह छह बजे और सर्दियों में सात बजे फांसी दी जाती है। निर्भया के दोषियों को भी सुबह सात बजे ही फांसी होनी है।

फांसी से पहले –
फांसी घर लाने से पहले दोषी को सुबह पांच बजे ही नहलाया जाता है। उसके बाद उसे नए कपड़े पहनाए जाते हैं। फिर उसे चाय पीने के लिए दिया जाता है। साथ ही उनसे नाश्ता के बारे में पूछा जाता है। अगर कोई नाश्ता करना चाहता है तो उसे नाश्ता दिया जाता है।

 पूछी जाएगी अंतिम इच्छा –
नाश्ता के बाद मजिस्ट्रेट दोषी से उनकी आखिरी इच्छा के बारे में पूछते हैं। उसके बाद उसे काला कपड़ा पहनाकर उसके हाथ को पीछे से बांध कर फांसी घर लाया जाता है। यहां पहुंचने के बाद उसके चेहरे को भी ढंक दिया जाता है। यह सब काम जल्लाद करता है। फांसी देते वक्त कोई आवाज न हो इसके लिए पूरे बंदोबस्त किए जाते हैं। जब फांसी देने का वक्त आता है तो उसके लिए इशारे के तौर पर रुमाल को गिराया जाता है और जल्लाद लीवर खींचता है। फांसी देने के समय एक डॉक्टर, सब डिविजनल मजिस्ट्रेट, जेलर, डिप्टी जेलर और करीब 12 पुलिसकर्मी मौजूद रहते हैं।