नीरव मोदी के प्रत्यर्पण पर मुहर, ब्रिटिश अदालत ने मानी भारत की एक-एक बात  

लंदन . ऑनलाइन टीम : हीरा कारोबारी नीरव मोदी को ब्रिटिश अदालत में बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने भारत की दलीलों को स्वीकार करते हुए नीरव के  प्रत्यर्पण का आदेश दिया है।  कोर्ट ने नीरव मोदी की मानसिक स्थिति ठीक न होने की दलील भी खारिज कर दी है। कहा कि ऐसा नहीं लगता उन्हें ऐसी कोई परेशानी है।

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के 14 हजार करोड़ से भी अधिक के लोन की धोखाधड़ी का आरोपी नीरव इस समय लंदन की वांड्सवर्थ जेल में बंद है। उसे प्रत्यर्पण कर भारत लाने के लिए कोर्ट में मामला चल रहा था। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि नीरव मोदी ने सबूत नष्ट करने और गवाहों को डराने के लिए साजिश रची।  जिला जज सैम्यूल गूजी ने कहा कि उसे भारतीय अदालत में पेश होना चाहिए।

दो साल पहले नीरव मोदी को ब्रिटेन की स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने 13 मार्च 2019 को लंदन से गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वह साउथ वेस्ट लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में कैद है। फैसला सुनने के लिए नीरव मोदी वीडियो लिंक के जरिए वैंड्सवर्थ जेल से पेश हुआ। अब अदालत के फैसले को ब्रिटेन की गृह सचिव प्रीति पटेल के पास भेजा जाएगा जो तय करेंगी कि इस मामले में हाईकोर्ट में अपील की अनुमति दी जाए या नहीं।

नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक में करीब 14 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक के लोन की धोखाधड़ी की। यह धोखाधड़ी गारंटी पत्र के जरिए की गई। उस पर भारत में बैंक घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दो प्रमुख मामले CBI और ED ने दर्ज किए हैं। इसके अलावा कुछ अन्य मामले भी उसके खिलाफ भारत में दर्ज हैं। नीरव मोदी ने अपने प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ ब्रिटेन की अदालत में चुनौती दी थी।