Nipah Virus: खतरा बढ़ा! महाराष्ट्र में पहली बार चमगादड़ में मिला ‘निपाह’ वायरस; मृत्यु दर 65% होने से बढ़ी चिंता

मुंबई/पुणे: ऑनलाइन टीम- कोरोना की दूसरी लहर अब कमजोर पड़ गई है लेकिन तीसरी लहर का खतरा अभी भी मंडरा रहा है। तीसरी लहर को रोकने के लिए अभी पूरे राज्य में तेजी से वैक्सीनेशन किया जा रहा है। ऐसे में अब महाराष्ट्र की चिंता बढ़ानेवाली खबर आ रही है। राज्य में दो चमगादड़ की प्रजाति में निपाह वायरस पाया गाया है। राज्य में पहली बार निपाह वायरस का केस मिला है। पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी में विशेषज्ञों ने इसे लेकर रिसर्च किया है।

निपाह वायरस वाले चमगादड़ की प्रजाति सतारा के महाबलेश्वर के गुफा में पहली बार मार्च 2020 में पाया गया। इससे पहले राज्य में कभी भी चमगादड़ में निपाह वायरस नहीं पाया गया है, इसके ऊपर रिसर्च करनेवाली टीम की प्रमुख डॉ. प्रज्ञा यादव ने जानकारी दी। देश में इससे पहले कुछ राज्य में निपाह वायरस आया गया है। यह वायरस चमगादड़ से मनुष्य में ट्रांसफर होता है।

निपाह वायरस बहुत खतरनाक माना जाता है। निपाह की कोई दवाई या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। निपाह वायरस का संक्रमण होने पर मृत्यु दर बहुत है। कोरोना संक्रमण होने के बाद बहुत से लोग ठीक हो जातेहैं। देश में लगभग सभी राज्य में रिकवरी रेट 90 %से अधिक है। वही मृत्यु दर 1 से 2 % है। निपाह की दवाई उपलब्ध न होने से मृत्यु दर 65% से अधिक है।

पिछले कई वर्षों से चमगादड की वजह से इस वायरस के फैलने की बात कई बार सामने आई है। ईबोला, मारबर्ग जैसे वायरस चमगादड़ की वजह से ही फैले हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस भी चमगादड़ से ही आया है।

निपाह वायरस पहली बार 1998-99 में मलेशिया में मिला था। सूअर और सूअर की देखभाल करनेवाले में यह वायरस मिला था। उस समय मृत्यु दर 40 प्रतिशत था। 2001 में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में निपाह मिला था। उसके बाद 2007 में पश्चिम बंगाल के नाडिया जिले में निपाह मिला था। 2018 में केरल के कोझीकोड में निपाह की वजह से 18 लोगों की मौत हुई थी। उसके बाद 2019 में दोबारा कोझीकोड में निपाह मिला था।