पानी कटौती का पुरजोर विरोध शुरू; उग्र जनांदोलन के आसार

पिपंरी : समाचार ऑनलाइन – पवना बांध शतप्रतिशत भरे रहने के बावजूद पिंपरी चिंचवड़ शहर में बनी पानी की किल्लत को दूर करने के नाम पर एक दिन की कटौती लागू करने का फैसला किया गया। अब तक सप्ताह में एक दिन की कटौती की जाती रही है। इसे रद्द करने की मांग को अनसुना कर 25 नवंबर से शहर में एक दिन छोड़कर जलापूर्ति की जा रही है। गत दिन सर्वसाधारण सभा में सत्तादल भाजपा ने भी विपक्षी दलों के विरोध को ताक पर रखकर प्रशासन की हां में हां मिलाते हुए कटौती का फैसला कायम किया। शहरभर से इस फैसले का विरोध शुरू हो गया है। सोमवार से कटौती की अमलबाजी शुरू होनी है, अतः तब इस विरोध का व्यापक असर नजर आएगा।

मानवी हक संरक्षण व जागृति संस्था के शहराध्यक्ष अण्णा जोगदंड, उपाध्यक्ष विकास शहाणे, कार्याध्यक्ष मुरलीधर दलवी, संगिता जोगदंड, सचिव गजानन धाराशिवकर ने मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर को एक ज्ञापन सौंपकर कटौती लादने की बजाय जलवितरण व्यवस्था में बड़े पैमाने पर होने वाले लीकेज और पानी की चोरी रोकने की सलाह दी है। अवैध नल कनेक्शन के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई कर उन्हें नियमित करें और इसके आगे अवैध कनेक्शन मिलने पर संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराकर उनके खिलाफ़ भी कार्रवाई करने की मांग की है। कटौती के फैसले से शहर में मानवनिर्मित किल्लत की स्थिति बन जाएगी और टैंकर लॉबी का भला होगा।

सामाजिक कार्यकर्ता व भूतपूर्व नगरसेवक मारुति भापकर ने इस फैसले के लिए प्रशासन और सत्तादल भाजपा को जिम्मेदार ठहराते हुए कड़ी निंदा की है। एक विज्ञप्ति के जरिए उन्होंने यह आरोप लगाया है कि आयुक्त, प्रशासन और सत्तादल के नियोजनशून्य, भ्रष्ट और लापरवाह कामकाज के चलते शहरवासियों पर यह नौबत आयी है। प्रशासन और सत्तादल केवल टेंडर, पार्टनरशिप और कमीशनखोरी में व्यस्त है। पानी, स्वास्थ्य और स्वच्छता जैसे मौलिक मसलों पर ध्यान देने की उन्हें फुरसत नहीं है। कटौती का फैसला वापस लेने की मांग को लेकर उन्होंने आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नगरसेवक सचिन चिखले ने अपने बयान में मनपा आयुक्त के इस फैसले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने पानी की किल्लत के लिए प्रशासन के नियोजनशून्य कामकाज को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि, फिर बार अपनी नाकामी को छिपाने के लिए शहरवासियों पर कटौती का फैसला लादा जा रहा है। शहरवासियों को पानी देना प्रशासन का कर्तव्य है। अगर यह फैसला वापस नहीं लिया जाता है तो मनसे की ओर से उग्र आंदोलन किया जाएगा, यह चेतावनी भी उन्होंने दी।

कांग्रेस पार्टी की पिंपरी चिंचवड़ शहर इकाई के अध्यक्ष सचिन साठे ने एक ज्ञापन के जरिये एक दिन छोड़कर जलापूर्ति करने के फैसले को मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर की अकार्यक्षमता और नाकामी करार दिया और उनसे इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा कि, गत साल की तुलना में इस साल औसत से 127 फीसदी ज्यादा बारिश होने और 17 फीसदी ज्यादा जलसंचय रहने के बाद भी इस तरह का फैसला किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। पवना पाइपलाइन और जलापूर्ति की समस्या को हल करने का वादा कर सत्ता हासिल करने वाली भाजपा का मनपा आयुक्त या प्रशासन पर कोई अंकुश नहीं है, यह भी उन्होंने कहा।